Wednesday, 12 October 2022

kavita astitva

 तू है तेरे आस्तित्व के लिये दुनिया से लड़ा था मैं 

दुःख आया तो तू कहाॅं है तू कहीं नहीं है अड़ा था मैं 

जर्रे जर्रे में तू है तो मुझे बता ए ईष्वर

नन्हीं बच्ची को कुचला गया तब क्या षीषे में जड़ा था

दरख्त पर बैठी चिड़िया को बाज लेकर उड़ गया

कुछ देर पहले चिड़िया ने भी कीड़े का घर उजाड़ा था।


लोग तो धरती से आसमान में उठ झूम उठते हैं 

    पर यह चांदनी देखो  आसमान से धरती पर आकर खुष है ।


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