Saturday 30 December 2017

नए वर्ष की बधाई

नए वर्ष की आप सबको  बधाई
आती रहे आपकी काम वाली बाई
तन से ना हटे  आपके रजाई
मिलती रहे चाय बनी बनाई
पति की जेब की सफाई करें
सौ सौ  के नोट ही बस पार करें
मोदीजी नई  स्कीम चलायें
पत्नियों की इन्डैरेक्टकमाई बचाए
सब कितियों के पैसे आपको मिले
नए नए व्यंजन खाने को मिले
नोटों की ना भूलकर गद्दी लगायें
नई नई  अपनी ड्रेस सिलायें
पडोसी  के फल की डाल आपके घर झुके
उसके सामने खाएं उसका कलेजा फुके
सब हँसे मुस्कराएँ खुल कर जिए
आपके बच्चे स्वस्थ रहें और आपका खून पियें





Friday 29 December 2017

नया वर्ष बालक

भारत मैं नया वर्ष आता भी एक शिशु के सामान है नन्हे शिशु की मुस्कराहट ह्र्दय मैं पुष्प पल्लवित करती है बसंत ऋतू मैं चारो ओरे हरियाली  छा  जाती है फूल ही फूल खिल जाते हैं धीरे धीरे किशोर होते वह योवन की तरफ बढ़ता है योवन का उल्लास ताप फिर प्रोढ़ अवस्था वर्षा की तरह ताप का शमन होने लगता है बस शीतल वर्ष सा नेह बरसने लगता है  . स्नेह की सरसता कापने लगाती है जेसे जेसे  अंतिम पड़ाव  की ओर बढ़ता है स्वेट चादर पृथ्वी ओढ़ लेती है उसके केशों मैं सफेदी आ जाती है हाथ पैर कपने लगते हैं और अंतिम साँस ले लेता है और फिर शिशु के रूप मैं जन्म लेता है नया साल छोटे बच्चे के रूप मैं। 

Tuesday 26 December 2017

naya kya hai

नया वर्ष दस्तक दे रहा है नयी उमंग नै ऊर्जा नवीनता का एहसास कि नया साल आएगा नया संकल्प लेंगे कोई अच्छा काम करेंगे पुराने काम पूरे करेंगे पर क्या वास्तव मैं नया वर्ष है  कुछ नहीं बदलता है बस कपडे निकले रखे जाते हैं जो बार बार तन पर चढ़ते उतारते हैं फिर वही पुराण ही चलता है समय नया नहीं आता है वह तो आगे बढ़ता है प्रकृति का कालचक्र है नियम से बंधी प्रकृति बढ़ती रहती है चक्र ऊपर  चढ़ते जाते हैं वर्ष नया नहीं अत मन्वन्तर आते हैं हम सोचते हैं नया वर्ष आ रहा है और उमंग से भर उठते हैं अच्छा है नए वर्ष को नवजात बच्चे  की खिली मुस्कान की तरह लेते हैं जीवन मैं उमंग उत्साह तो बना रहता है यदि वास्तविकता की ओर जायेंगे कि हम उम्रदराज हो रहे हैं तो निराशा आएगी आशा है तो जीवन है जीवन है तो जगत है