Wednesday 5 January 2022

sarkari yojnayen

 सरकारी योजनाओ में पलीते लगाते लोग सरकार की तरफ से कोई भी योजना लागू होती है उससे सम्बन्धित अधिकारियों की बल्ले बल्ले हो जाती है और जनता त्रस्त होती है चाहे वह उनके हित में हो पर वह अहितकर होकर रह जाती है और विपक्ष को कुछ दिन गाने का अवसर मिल जाता है। 

नोटबंदी काले धन को बाहर लाने के लिये की गई अभी भी अनेको नेताओं और सरकारी अधिकारियों को टटोला जायेगा तो स्विस बैंक से अधिक धन इनके फटे कुर्तो की जेबों से निकल आयेगा। उधर बैंक कर्मियों ने खूब काला धन कमाया उनके घर अंदर से सज गये बैंक बैलेंस बढ़ गया और जनता बेरोजगार हुई। 

कन्याधन, विधवा पेशन, वृद्धजन पेंशन बंधी लेकिन सब सरकारी अधिकारियों के रिश्तेदारों को मिली ओर अच्छी भली सधवा औरतें विधवा हो गई चालीस साल के आदमी 65 साल के हो गये असली वृद्धाऐं विधवाऐं चक्कर लगाती रह गई। 

विकलांग धन योजना के तहज पट्टी पैर में बाँधकर लोग विकलांग हो गये और सही विकलांग बाहर ही भीख माँग रहे हैं। क्योंकि दूर जा ही नही सकते। भिखारी गाड़ियों में चल रहे हैं। शौचालय के नाम पर अधिकारियों के घर बने गये और शौचालय जगह जगह बने हैं पर उन पर ताले जड़े या पानी नहीं है।