Wednesday 25 October 2023

soch se bahar

 हम प्रकृति की सुंदरता पर मोहित होते हंै या मानव की कृतियों पर अहा! कितना सुंदर है अदभुत् है हमारे अंदर प्रेम की भावना उपजती है हम प्रेम करना सीखते हैं साथ ही हम में सहनश्षीलता आती है । दुराग्रहों को छोडना पड़ता है अपनी मान्यताओं को घर पर पोटली बाॅंधकर छोडना पड़ता है क्योंकि हमें जो दूसरे करते है वही करना पड़ता है। हमें उस स्थान से कायदे कानून रीति रिवाजों के हिसाब से चलना पड़ता है । यात्रा इंसान का इंसान से प्यार करना है दूसरों पर विष्वास करना सिखाती है हम इसी विष्वास के साथ या़त्रा पर निकलते हैं कि हमारे साथ पूरी दुनिया है हमारे देखने का नजरिया बदल जाता है हमारी दृष्टि बदलती है हमारी सोच में बदलाव आता है और जो कुछ दूसरे का अच्छा लगता है उसे अपमान का भाव आता है तो अपने दायरे से बाहर निकलते हैं एक खींची हुई रेखा सोच से बाहर ।


Saturday 21 October 2023

koi kam chota nahin

 महिलायें अपना पत अपने आप खो रही हैं। दूसरे धर्म के लड़के किसी काम को छोटा नहीं मानते,उन्होंने रचनात्मक कलात्मक और क्रियात्मक सभी कामों पर कब्जा कर लिया है नौकरी नौकरी न चिल्लाकर प्रतिदिन के आवष्यक कामों को अपना लक्ष्य बनाया और उस पर कब्जा कर लिया । गाड़ी मैकेनिक,बिजली नल आदि के अच्छे कारीगर दूसरे धर्म के ही मिलेंगे और वे बिना झिझक के यह काम करते हैं जब कि हिन्दू सरकारी नौकरी के पीछे भाग रहा है।

कौषल योजनाओं को बढ़ावा मिलना चाहिये,बचपन से ही केवल षिक्षा पुस्तकीय नहीं होनी चाहिये कलाकारी कारीगरी भी सिखानी चाहिये। छोटी उम्र से ही कल पुर्जों को खोलना लगाना आदि सिखाना चाहिये।इन सबके कारीगर दो दो तीन तीन हजार रुपये प्रतिदिन कमा रहे हैं अच्छे अच्छे इंजीनियर इतना नहीं कमाते होंगे। यह एक विचार है,केवल सरकारी नौकरी के लिये भागने से कहीं अच्छा अन्य काम है ।

आजकल हर परिवार का एक न एक बच्चा विदेष में है। षिक्षा यहां प्राप्त करते है ंसरकार और मां बाप उस पर पैसा खर्च करते हैं और जब ष्क्षिा प्राप्त कर लेते हैं तब विदेषों में बस कर नौकरी कर लेते हैं


Sunday 15 October 2023

jeevan yatra hai

 जीवन यात्रा है 


यात्राएंे जीवन मे निर्भीकता लाती हंै हम यात्रा के समय अपने आपको पूर्ण रूपेण बदल लेते हैं हम हम नहीं होते उस समय हम अपने को जहाॅं होते हैं वहाॅ के वातावरण में बदल लेते हैं हम अपने को नहीं सामने वाले को देखते हैं तो वहीं की सोच उस समय अपनायेंगे। मैं हम मेें बदल जाता है हम देखते हंै हर जगह का इंसान एक ही है वही हंसना गाना रोना वही प्रकृति कहीं घने जंगल तो कहीं समुद्र लेकिन समुद्र में पानी किस तट से टकरा कर आया है नहीं कह सकते पहाड़ पर जमा बर्फ में किस देष के जल की बूंदे हैं पेड़ांेे के नीचे की मिट्टी किस प्रदेष से आंधी के संग आई है। इस मिट्टी में कौन कौन है किससे ष्षरीर के अंग समाहित है किस प्रदेष की जमीन से उड़ी है उसमें पवित्र आत्मा की खाक है या किसी पापी की कीडे मकोडे की हवा किस किस को छूकर आ रही है जिसे हम अस्पट मान रहें है हवा उससे लिपट कर आ रही है जैसे हमारे साथ छप्पा छाई खेल रही हो पहचान कौन किसके बदन के थपेड़े हंै या़त्रा में हम सब प्रदेशों के हम सफर हो जाते है। और हम स्वंय से दूर होकर उनमेें मिल जाते हैं। 

हम प्रकृति की सुंदरता पर मोहित होते हंै या मानव की कृतियों पर अहा! कितना सुंदर है अदभुत् है हमारे अंदर प्रेम की भावना उपजती है हम प्रेम करना सीखते हैं साथ ही हम में सहनश्षीलता आती है । दुराग्रहों को छोडना पड़ता है अपनी मान्यताओं को घर पर पोटली बाॅंधकर छोडना पड़ता है क्योंकि हमें जो दूसरे करते है वही करना पड़ता है। हमें उस स्थान से कायदे कानून रीति रिवाजों के हिसाब से चलना पड़ता है । यात्रा इंसान का इंसान से प्यार करना है दूसरों पर विष्वास करना सिखाती है हम इसी विष्वास के साथ या़त्रा पर निकलते हैं कि हमारे साथ पूरी दुनिया है हमारे देखने का नजरिया बदल जाता है हमारी दृष्टि बदलती है हमारी सोच में बदलाव आता है और जो कुछ दूसरे का अच्छा लगता है उसे अपमान का भाव आता है तो अपने दायरे से बाहर निकलते हैं एक खींची हुई रेखा सोच से बाहर ।



Friday 13 October 2023

diya

 किसी ने कहा है

दिये से मिटेगा न मन का अंधेरा

धरा को उठाओ गगन को झुकाओ

बहुत बार आई गई ये दिवाली

मगर तम जहां था वहीं पर टिका है।

कहने को तो दियों को जलाकर हम दिवाली उत्सव मना लेते हैं परंतु प्रेम  प्रकाष का प्रतीक दिया जलना तो दूर टिमटिमाता भी नहीं है। पूजा अर्चनाओं के लिये दिये जलाऐ जाते हैं पर मन के दीपक बुझे तो बुझे रह जाते हैं,आरती में भी मन प्रकाषित नहीं होता । दीपक प्रतीक है प्रकाष का,अंधकार को मिटाने को माटी का दिया काफी नहीं है मन को प्रकाषित करने का,

‘धरा को उठाओ गगन को झुकाओ धरती और आकाष की तरह मनुष्य मनुष्य में जो भेदभाव है वह मिटना चाहिये जो दबा है तिरस्कृत है उसे उठाया जाये उसे अपने पंख तोलने और पगों को नापने का हुनर दिया जाये गगन जितना ग्रहण करता हे उतना दान भी करना जानता है।


Wednesday 11 October 2023

deep

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Monday 9 October 2023

hamari prtibha

 हमारे देष की प्रतिभा हमारे देष का पैसा सब विदेषियों के काम आ रहा है। हमारे देष में रह जाते हैं जबरन पास किये जा रहे  अयोग्य लोग और वे ही कुर्सियों पर आरूढ़ होकर भ्रष्ट व्यवस्था बनाते हैं काम आता नहीं है कुर्सी पर बैठते हैं खैनी चूना फांकते हैं, बस फाइलें इधर उधर करते हैं अयोग्य लोग अपनी कुर्सी बचाने में लगे रहते हैं बस कुर्सी और पैसा यही उनका लक्ष्य रहता है काम गया खड्डे में, जनता जाये भाड़ में नेताओं का वोट तो पक्का है वोट और नोट की राजनीति में आम आदमी मर रहा है पिस रहा है और देष ?

हमें आभारी होना चाहिये स्वामी विवेकानंद का जिन्होंने अकेले पहल की और दंनिया को भौचक्का कर दिया भारत का गौरव वापस दिलाय


Sunday 8 October 2023

rangoli

 रंगोली अर्थात रंगों की श्रंगला । रंगोली के बिना कोई पर्व उत्सव मांगलिक कार्य आदि अपूर्ण माना जाता है। षिव गौरा ,रामसीता के विवाह में भी रंगोली सजाई गई यह प्रमाण ग्रन्थों में है। इन्द्र के इन्द्रलोक में अप्सरायें विषेष रूप से रंगोली पर नृत्य का ष्षुभारंभ करती थीं। रंगोली ष्षुभ का प्रतीक है। वास्तु के अनुसार रंगोली घर की नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालती है और सकारात्मक ऊर्जा को लाती है।यह सुख समृद्धि और खुषहाली का प्रतीक है। रंगोली को उत्तम स्वास्थ का प्रतीक माना जाता है। रंगोली दीर्धायु प्रदान करने वाली होती है । जिस तरह से अनेक रंग मिलकर एक रंगोली बनाते हैं उसी तरह से रंगोली परिवार की एकजुअता को दिखाती है रंगोली के माध्यम से हम अपने भावों को प्रकट करते हैं रंगोली सफलता का प्रतीक मानी जाती है।

जियें जीवन का हर पल किसी उत्सव के मानिंद

न जरने कौन सा पल करदे जिंदगी से जुदा ।


Saturday 7 October 2023

kya hum sahi hain

 क्या सही क्या गलत ? हम क्या खा रहे हैं -

मिर्च - बीटा कैरोटिन और विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत है ,बंद नाक खोलने में सहायक है,खून के थक्के न बनने देने में सहायक है ,खाने का स्वाद बढ़ाती है। षिमला मिर्च लो कैलोरी है हरी मिर्च में लाल मिर्च के मुकाबले अधिक न्यूट्रिटैंट वेल्यू है।एन्टी आक्सीडेंट का अच्छा स्त्रोत है 45 ग्राम लाल मिर्च में 65 मिली ग्राम विटामिन सी होता है 100 प्रतिषत आर डी ए , ऊतक निर्माण और कैंसररोधी तत्व होते हैं। मिर्च में पाये जाने वाले कैप्सीसिन तत्व जिससे तीखापन आता है वह रक्त में थक्के बनने से रोकता है,गठियावात से बचाती है। कीमो थैरेपी से होने वाले दर्द को भी कम करती है। मिर्च से अल्सर होने या अपच की बीमारी होती हे यह सिद्ध नहीं हो सका है


Friday 6 October 2023

lottery

 लाटरी

रोमन सम्राट आगस्टस व नीरो ने निर्माण कार्य के खर्च के लिये लाटरी आरम्भ की। इंगलैंड की रानी ऐलिजाबेथ प्रथम ने लाटरी पर पुरस्कार की अनुमति दी थी। हमारे भारत में केरल के साम्यवादी मंत्रिमंडल ने लाटरी षुरू करके खूब पैसा कमाया है इसके पूर्व रूस की साम्यवादी सरकार ने दूसरे महायुद्ध का खर्च निकालने  के लिये लाटरी चलायी और एक लाख रूबल पुरस्कार की घोषणा की। भारत में ब्रिटिष राज्य में ही लाटरी का पा्ररम्भ हो चुका था। 1789 में पीटर मैसे कैसीन नामक व्यापारी ने स्टाॅक एक्सचेंज की इमारत बनवाने के लिये लाटरी की योजना सोची। उस समय स्टार पागोडा वाला 3.50 रु॰ कीमत का सिक्का चलता था। ऐसे एक लाख पगोडा के इनाम की घोषणा की गई जिसमें पहला इनाम पांच हजार पागोडा का था,फिर ढाई ढाई हजार के दो, एक हजार के पांच, पांच सौ के दस,,ढाई सौ के बीस ,एक सौ के पचास और पचास के  सौ था बीस पागोडा के 3212 यानि कुल 3400 पुरस्कार रखे गये थे। इसके अलावा पहला टिकिट लेने वाले को 500 और आखिरी टिकिट खरीदने वाले के लिये 360 पगोडा का पुरस्ैकार रखा गया था ।