Tuesday, 26 December 2017

naya kya hai

नया वर्ष दस्तक दे रहा है नयी उमंग नै ऊर्जा नवीनता का एहसास कि नया साल आएगा नया संकल्प लेंगे कोई अच्छा काम करेंगे पुराने काम पूरे करेंगे पर क्या वास्तव मैं नया वर्ष है  कुछ नहीं बदलता है बस कपडे निकले रखे जाते हैं जो बार बार तन पर चढ़ते उतारते हैं फिर वही पुराण ही चलता है समय नया नहीं आता है वह तो आगे बढ़ता है प्रकृति का कालचक्र है नियम से बंधी प्रकृति बढ़ती रहती है चक्र ऊपर  चढ़ते जाते हैं वर्ष नया नहीं अत मन्वन्तर आते हैं हम सोचते हैं नया वर्ष आ रहा है और उमंग से भर उठते हैं अच्छा है नए वर्ष को नवजात बच्चे  की खिली मुस्कान की तरह लेते हैं जीवन मैं उमंग उत्साह तो बना रहता है यदि वास्तविकता की ओर जायेंगे कि हम उम्रदराज हो रहे हैं तो निराशा आएगी आशा है तो जीवन है जीवन है तो जगत है   

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