नए वर्ष की आप सबको बधाई
आती रहे आपकी काम वाली बाई
तन से ना हटे आपके रजाई
मिलती रहे चाय बनी बनाई
पति की जेब की सफाई करें
सौ सौ के नोट ही बस पार करें
मोदीजी नई स्कीम चलायें
पत्नियों की इन्डैरेक्टकमाई बचाए
सब कितियों के पैसे आपको मिले
नए नए व्यंजन खाने को मिले
नोटों की ना भूलकर गद्दी लगायें
नई नई अपनी ड्रेस सिलायें
पडोसी के फल की डाल आपके घर झुके
उसके सामने खाएं उसका कलेजा फुके
सब हँसे मुस्कराएँ खुल कर जिए
आपके बच्चे स्वस्थ रहें और आपका खून पियें
आती रहे आपकी काम वाली बाई
तन से ना हटे आपके रजाई
मिलती रहे चाय बनी बनाई
पति की जेब की सफाई करें
सौ सौ के नोट ही बस पार करें
मोदीजी नई स्कीम चलायें
पत्नियों की इन्डैरेक्टकमाई बचाए
सब कितियों के पैसे आपको मिले
नए नए व्यंजन खाने को मिले
नोटों की ना भूलकर गद्दी लगायें
नई नई अपनी ड्रेस सिलायें
पडोसी के फल की डाल आपके घर झुके
उसके सामने खाएं उसका कलेजा फुके
सब हँसे मुस्कराएँ खुल कर जिए
आपके बच्चे स्वस्थ रहें और आपका खून पियें
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (01-01-2018) को "नया साल नयी आशा" (चर्चा अंक-2835) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
नववर्ष 2018 की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
राधा तिवारी
उत्कृष्ट व सराहनीय प्रस्तुति.........
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाओ सहित नई पोस्ट पर आपका इंतजार .....
वैसे ही कौन कम हैं लोग...
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