Thursday, 4 January 2018

फ्लैट संस्कृति

मृत्यु आत्मा के लिए परम आनद और लौकिक संसार के लिए किसी अपने का विछोह सदा के लिए और सबसे बड़े दुःख का कारण। कुछ पल मैं ही जीता जगता इंसान शव बन जाता है जिसे उठाने के लिए चार कन्धों की जरूरत होती है और उस समय रिश्तेदार और पडोसी ही काम आते हैं  अब रिश्तेदार और पडोसी ढूढ़ने पड़ते हैं कुछ दोस्त भी ढूढ़ने पड़ते हैं अधिकतर अब सब उठवनि का इन्तजार करते हैं उस मैं अपना कर्त्तव्य पूरा कर आएंगे ा फ्लैट संस्कृति यद्यपि एकल परिवार की वजह से उगी है जगह जगह ऊँचे वृक्षों की तरह फ्लैट खड़े हो गए हैं उसमें घोसलों में  रहने वाले पंछियों की तरह चहकते रहते हैं एक अलग परिवार बन जाता है सब त्यौहार मनाना  उत्सवों पर धूम करना और सभी धार्मिक उत्सव मनाना यह एक अलग प्रकार की संस्कृति ने जन्म लिया है 

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