प्रेमचंद जी ने बताया प्रातः आठ बजे नेपाल दर्षन के लिये गाड़ी आयेगी तैयार होकर हम ठीक आठ बजे लॉबी में आ गये । दो बस तैयार थीं पता लगा ये बस नेपाल दर्षन के लिये जा रही हैं हम उन में सवार होगये दोनों बसों के यत्रियों की ओर देखा हर उम्र के यात्री थे । अभी भी हमें अपने सहयात्रियों की जानकारी नहीं थी । सोचा इसमें होटल में ठहरे यात्रीभी होंगे जो नेपाल दर्षन के लिये साथ चल रहे होंगे । लेकिन एक एक कर ज्ञात हुआ हमारी बस के सभी यात्री कैलाष मान सरोवर जा रहे हैं । तिलकधारी चढ़े और बोले ,‘ नेपाल दर्षन के बाद दोपहर को चार बजे सब होटल के ,सभाकक्ष में एकत्रित हो जाइयेगा वहॉं आपको विस्तृत जानकारी दी जायेगी ।’ एक दुबला पतला सा व्यक्ति गाड़ी में चढ़ा और बोला,‘मैं आपका गाइड हॅूं , नेपाली हॅूं पर हिन्दी और अंग्रेजी जानता हॅूं मैं हिन्दी में आपको बताउॅंगा’ सबने जोर से ताली बजाई और सबकी निगाहें उसपर जम गईं । बस के चलने के साथ साथ वह भी शुरू हो गया ।
‘काठमांडू पर्वतों से धिरा है यह समुद्र तल से 9008 फुट की ऊचाई पर है अच्छा इसे सातवीं सदी के समुद्रगुप्त ने बसाया अच्छा काठमांडू के उत्तर में षिवपुरी अच्छा कुछ समझ में आया अच्छा ’ अब उसके वाक्य खतम होने के साथ ही अच्छा शब्द भुनभुनाने लगता था ।विषिष्ट पर्व दषहरा अच्छा पूर्णमासी अच्छा अष्टमी ।
गाइड एक एक करके हमें जगहों के बारे में बता रहा था। गौषाला मार्ग पर अनेकों धर्मषालाएॅे एवम् विषाल गौषाला है जिनमें गउऐं अब भी पाली जाती हैं । वेद विद्याश्रम गुरूकुल है जहॉं बच्चेां को संस्कृति और संस्कृत दोनों की षिक्षा दी जाती है। नेपाल को प्रदूषण मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है इसलिये पॉलिथिन के प्रयोग पर रोक है । साल व कृष वृक्षों से घिरा राजप्रसाद ‘ नारायण हिती पैलेस’ बाहर से देखा राजा महेन्द्रप्रताप परिवार हत्याकांड बरबस याद आ गया । मानवता या दानवता किसका पलड़ा भारी है प्रष्नचिन्ह के साथ मन जरा खिन्न हो गया। स्वयं गाइड के भी चेहरे पर दर्द की
लकीर ख्ंिाच गई न जाने कितनी बार उसने उस स्थान को देखा होगा फिर भी चेहरे पर उदासी छा गई पूर्व राजा को पसंद करता था । नेपाल में बौघ्द धर्म अधिक प्रचलित है उसी से सम्बन्धित वस्तुऐं मिलती हैं यद्यपि नेपाल पषुपतिनाथ की वजह से बहुत विख्यात है लेकिन नेपाल में उससे सम्बन्धित चिन्ह कहीं नहीं दिखाई देते । अगर उत्तराखंड जाय तो अधिकांष बस आदि पर ‘जय बदरी विषाल’ लिखा मिलेगा या बदरीनाथ से सम्बन्धित दुकानों व प्रतिष्ठानों पर लिखा मिल जायेगा । पर नेपाल में अधिकतर प्रचलन ‘मॉं अम्बा का है ‘श्री दक्षिण वाली माता ’ श्री शैल ष्सुरेष्वरी’ श्री अन्न पूर्णेष्वरी ,श्री चण्डेष्वरी ,श्री अम्बे ’आदि लिखा मिलता था।
नेपाल में नेपाली वस्त्रविन्यास अब बहुत कम दिखाई देता है ।नई पीढ़ी जीन्स टी शर्ट सलवार सूट या साड़ी में नजर आती है। नेपाली संस्कृति मघ्य वित्तीय वर्ग की वजह से जीवित है। बुजुर्ग महिलाऐं या पुरुष नेपाली परिधान में फिर भी यदा कदा दिखाई दिये । जिस होटल में हम रुके थे श्षाम को वहॉं पर नेपाली विवाह का रात्रिभेाज था पर वहॉं पर सभी स्त्री पुरुष व बच्चे पूरी तरह भारतीय परिधान या सूट में थे ।
धान की खेती पट्टियों में या सीढ़ी ष्शैली में की जाती है लगता है धानी हरी साड़ियॉं सूख रही हों । अगर जरा सी भी कहीं कच्ची जगह है तो वहॉं कुछ न कुछ पौघा विषेष मक्का आदि लगा रखा होता है । काठमांडू में कोषी नदी बहती है। पर्वत से बहते झरने नदी के साथ एकाकार होजाते हैं नदी का पानी नेपाल में गहरा पीला या लालिमा लिए दिखता है कारण लाल मिट्टी ।
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