Thursday, 23 January 2025

Shanti peace

 इस साल को सफल बनाने के लिए - सोचो कि मैं  दूसरों को किस तरह प्रोत्साहन और प्रेरणा दूं- प्रेरणा और प्रोत्साहन पाने का यह पहला सिद्धान्त है ।

आज को संभालो-कल हुई भूलों को भुला दो ,कल आने वाली चिंताओं का इंतजार न करो।

सबसे  वफादारी की आशा करो,सबके साथ वफादारी करो। भगवान् ने हर मनुश्य को बल दिया है । उस बल को बढ़ाओ- अपनी कमजोरियों से ऊपर उठने में मदद मिलेगी।

अपने से ऊँची चीजों,ऊचे आदमियों को देखो- पाओगे कि पहले तुम अधिक कार्य और सेवा करने पा रहे हो।

व्यक्तियों से ,वस्तुओं और योजनाओं से अच्छाई की आशा करो 

हर चीज से शांति की अपेक्षा रखो - शांति पाओगे।

कोई भी निर्णय करते समय प्रभु की इच्छा को समझने की कोशिश करो- जरूर वह तुम्हें राह दिखायेगा।

नेपोलियन ने मिस्त्र पर आक्रमण किया तो वह अनेक विद्वानों को प्राचीन सभ्यता सम्पन्न देश में शोधकार्य के लिये अपने साथ ले गया । अभियान के समय जब शत्रु प्रत्याक्रमण करते तब माल से लदे गधों और पांडित्य से लदे विद्वानों की रक्षा करनी पड़ती। जब शत्रु चारों ओर से धावा करते तब नेपोलिसन आज्ञा देता‘,घेरा बनाओ ,गधों और पंडितों को बीच में रखो ।’

ये सेवंटस अर्थात पंडित देश प्रेमी ,साहसी और कष्टसहिष्णु थे । ये समाज सेवा का ही विचार रखते थे,फिर भी आत्मरक्षा के लिएये सैनिकों के आश्रित थे। गधों के साथ उनकी भी रक्षा करनी पड़ती थी । बुद्धिजीवियों,पंडितों और विद्वानों को ऐसी आश्रित दशा छोड़नी चाहिए।-महात्मा गांधी


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