☺झूम झूम कर नृत्य कर गीत गा रहा था भगवान् तेरे
नीचे गड्ढ़ा आ गया तो मुॅह से निकल हत तेरे।
☺भूखे पेट में अग्नि इस कदर घधकती है कि
कड़कड़ाते जाड़े में भी आसमान की चादर ओढ़ कर सो जाते हैं
☺अर्न्तघ्वनि
सिलैंडर से लगी आग पन्द्रह बचे ( मरे नहीं बच गये यह भी कोई बात हुई सब मरते )
☺हर व्यक्ति वर्तमान व्यवस्था से व्यथित है उसे बदलना चाहता है इसलिए सत्ता मैं आना चाहता है और सत्ता मैं आते ही वह बदल जाता है उसके हालात बदल जाते हैं
☺मंा की सबको फिक्र है क्योंकि मां चौकी दार है रसोई दारिन है नर्स है और खुद के लिये कुछ नहीं हैे
☺मंा वह चीज है जिसका मूल्यांकन मरने के बाद भी नहीं होता ।
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