Monday, 13 May 2024

kirch kirch batene

 ☺झूम झूम कर नृत्य कर गीत गा रहा था भगवान् तेरे

नीचे गड्ढ़ा आ गया तो मुॅह से निकल हत तेरे।


☺भूखे पेट में अग्नि इस कदर घधकती है कि

कड़कड़ाते जाड़े में भी आसमान की चादर ओढ़ कर सो जाते हैं

☺अर्न्तघ्वनि

सिलैंडर से लगी आग पन्द्रह बचे ( मरे नहीं बच गये यह भी कोई बात हुई सब मरते )


☺हर व्यक्ति वर्तमान व्यवस्था से व्यथित है उसे बदलना चाहता है इसलिए सत्ता मैं आना चाहता है और सत्ता मैं आते ही वह बदल जाता है उसके हालात बदल जाते हैं

☺मंा की सबको फिक्र है क्योंकि मां चौकी दार है रसोई दारिन है नर्स है और खुद के लिये कुछ नहीं हैे

☺मंा वह चीज है जिसका मूल्यांकन मरने के बाद भी नहीं होता ।


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