पैरी के विषय में प्रथम बार सूचना माबारा के शरणार्थी शिविर से मिली जहाँ सूरज डूबते समय वह दिखाई दिया था। पैरी यमनी शरणार्थी के बीच पहुँचा उसने एक बोरा खेाला और आये हर शरणार्थी को दस पाउण्ड का एक नोट पकड़ाया। वहाँ वह बहुत शांति में बैठा रहा और साथ ही कहा कि उसे जल्दी जाना है क्योंकि अन्य शिविरों में भी रकम बॉटनी है इसलिये चंद मिनट ही ठहरेगा। साथ ही कहा अगर इतनी देर में अपने मित्र और रिश्तेदारों को बुला सकते हों तो बुला लायें। आश्चर्य चकित यमनी लोग अपने परिचितों को बुलाने दौड़ और जो कोई भी नजर आया उसे बुला लाये। जब सब आ गये तब उसने चंद मिनट का भाषण दिया और उनसे अनुरोध किया कि वे अपने सामूहिक शत्रु के खिलाफ यानि सरकार के खिलाफ एकतावद्ध हांे और भूमिगत कार्य करने वाले क्रांतिकारी नेता मेनाचिम बेजिन के दल में सम्मलित हांे जो कि गरीब शरणार्थीयों का दुख दर्द समझने वाले मात्र एक व्यक्ति है।
जैसे जैसे उस विलक्षण व्यक्ति के विषय में बात फैली शिविर के लोगों की भीड़ उसके इर्दगिर्द जमा हो गई। कुछ नोट और बाँटें गये उसने थैला कंधे पर डाला। तेजी से सड़क की ओर जीप आकर रूकी वह कूद कर उसमें चढ़ा और हैका की ओर चल पड़ा।
यमनी शरणार्थीयों ने कृतज्ञ होकर ईश्वर से उसके लिये प्रार्थना की क्योंकि वह उनके पास ऐसे आया मानो स्वर्ग से भेजा कोई देवदूत हो। इस बीच पुलिस ने तेल अबीब की उस टैक्सी को ढूँढ निकला जोकि पैरी को माबारा छोड़ आई थी।
‘हाँ’ ड्राईवर ने कहा,‘ मै हैरान रह गया। जब उसने केवल रमात हशारोन से मबारा ले जाने के पन्द्रह पाउड दिये। उतरते समय उसने मेरे कंधे को थपथपाया और कहा,‘ देखना भविष्य मे हर चीज इससे अच्छी होने वाली है हमारा पाला तो एक से एक सनकी लोगों से पड़ता है।’
जब पुलिस पहुँची पैरी रमात हषारोन से चंद मिनट पहले ही रवाना हो गया। पुलिस ने उपस्थित भीड़ से जानना चाहा तो सब एक साथ बोलने लगे। बहुत मुश्किल से पुलिस समझ पाई कि वे क्या बताना चाहते हैं ? इस सबमे दस मिनट लग गये। किसी ने भी जीप का नम्बर नहीं देखा।
हैफा और उसके आसपास के बंदरगाहों की पुलिस चौकियों पर भी वायरलैस से खबर भेजी गई कि जीपों की जाँच पड़ताल की जाये किसी को भी जाने न दिया जाये। पुलिस पैरी के विषय में अगर कुछ किसी से पूछती तो वह अलग ही बताता
उत्तरी अफ्रीका के एक देशान्तरवासी से बताया कि वह बाईविल में वर्णित एक चरित्र की तरह कपड़े पहने हुए था। एक मिस्त्रवासी ने कहा कि पाउंण्ड बाँटने वाला दुबला पतला था और स्वप्निल आँखे किसी कवि की सी थी। एक ने कहा कि चतुर व्यापारी है बस एक बात सब कह रहे थे हमारे लिये तो वह रॉबिनहुड था और वे चाहते थे कि किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुँचाया जाये।
शाम को पुलिस हैडक्वार्टर में खबर पहुँची कि बेतलिंग के एक शिविर में पाँच बोरों से लदा फदा थका थका सा व्यक्ति पहुँचा था। वह एकदम से पहँुचा थैला खोल शरणार्थियों को पाँच पाँच पाउन्ड के नोट दिये। साथ ही कहा कि वह बहुत थक गया है। उसे शिविर में खाना खिलाया गया वह लड़खड़ाता सा आगे बढ़ा एक स्टेशन बैगन रूकी और वह उसमें बैठकर चला गया।
दिन बीतते रहे पर पुलिस पैरी तक नही पहुँच पा रही थी अधिकतर जब तक उसके पता लगे स्थान पर पुलिस पहुँचती वह निकल जाता था । अब पुलिस का विश्वास डगमगाने लगा कि शायद ही वे पैरी को पकड़ पायंे। एक इतवार को पुलिस के पास सूचना आई कि तेल अबीब में एक फल वाले की दुकान पर झगड़ा हो गया है। गश्ती कार में सवार होकर पुलिस दल वहाँ पहुँचा। उसने देखा कि दुकान के भीतर दुकानदार और एक ग्राहक में गरमागरमी हो रही है। ग्राहक कह रहा था कि दुकानदार नफाखोर है।
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