Tuesday, 14 September 2021

हिंदी वंदना

 भारत माँ का शृंगार है हिंदी  दीपित है माथे की बिंदी

हृदय नदी है हिंदी कलकल  बहती हिम से छूती सब दल 

हीन नहीं है दीन नहींे है  बहुत सबल भाषा है हिंदी 

मन वाणी को सार्थक करती विज्ञान जनित भाषा है हिंदी 

ओठों से चल दिल तक पहुॅंचे दिल से बोले वाणी हिंदी 

घूमो देखो सारी दुनिया  लेकिन घर का आंॅगन हिंदी 

देवांे की भाषा से निकली अमृत वाणी प्यारी हिंदी 


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