भारत माँ का शृंगार है हिंदी दीपित है माथे की बिंदी
हृदय नदी है हिंदी कलकल बहती हिम से छूती सब दल
हीन नहीं है दीन नहींे है बहुत सबल भाषा है हिंदी
मन वाणी को सार्थक करती विज्ञान जनित भाषा है हिंदी
ओठों से चल दिल तक पहुॅंचे दिल से बोले वाणी हिंदी
घूमो देखो सारी दुनिया लेकिन घर का आंॅगन हिंदी
देवांे की भाषा से निकली अमृत वाणी प्यारी हिंदी
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