Friday, 20 December 2024

purane panne

 श्री जवाहर लाल जी टण्डन जी का त्यागपत्र आपकी जीत नहीं । यदि आप ऐसा समझते हैं तो आप एक वहम में मुबतिला है और वहम की दवा तो लुकमान हकीम के पास भी नहीं थी।टण्डन जी नहीं बदले हैं और न उनके साथियों के विचार बदले हैं ।अगले चुनाव में आपके नाम से लाभ उठाया जायगा।समझिये,यह अवसरवादियों की जीत है। जब तक गांधीजी जीते रहे,वही अवसरवादी लोग उनके नाम का ढिंढोरा पीटते रहे। बापूजी ने तंग आकर कांग्रेस को छोड़ दिया था । आपके प्रति मेरी शुभकामनाऐं तो जरूर हैं,किंतु मन में कभी कभी सन्देह होता है कि शायद अन्त में आपको कहीं बापूजी का रास्ता न अपनाना पड़े।

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