अब एक खबर पढ़ी कि नेताओं की पेंशन बंद होगी। यह एक राहत की बात है। जन
जन जानता है जो कुछ नेताओं पर समर्पित किया जाता है वह देश के कर दाताओं की महनत है जो अनेक प्रकार से भिन्न भिन्न मदों के माध्यम से कर देते हैं उसी से देश का खर्च चलता है तब कर दाताओं की आँख में क्रोध आना स्वाभाविक है कि उनकी दिन रात की मेहनत को नेता लोगों द्वारा फोकटिया निकम्मे लोगों पर न्यौछावर कर दिया जाता है ,ये निकम्मे लोग देश का नासूर हैं जो इसे समृद्ध नहीं खोखला कर देंगे ,और रही सही कसर नेता निकाल देंगे, अब एक पंक्ति पढ़ी पेंशन बंद होगी तो लगा शायद कुछ कर दाताओं के हृदय पर मलहम लगेगी ।
कर दाताओं का पैसा नेता अपनी कुर्सी बचाये रखने के लिये किस बुरी तरह निकम्मों को पालने के लिये खर्च करते हैं वे पलें और उन्हें वोट दें वे अपने कोठे भरें न उन्हें देश से मतलब न जनता से जो बुरी तरह पिस रही है ।
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