भालू से युदध
गैरार्ड चुपचाप कान लगाकर सुन रहा था। कुछ अजीब सी आवाज उसे सुनाई दे रही थी। ऐसा लग रहा था कि किसी भारी जीव के हल्के पदचाप सूखी पत्तियों पर पड़ रहे हैं। उसने उत्सुकता से उधर देखा एक काला सा जानवर सड़क पा आ रहा था। पहले तो वह उसे देखता रहा फिर उसका चेहरा पीला पड़ गया।
डेनिस वह चिल्लाया ,‘ओह भगवान् डेनिस ’
डेनिस ने घूम कर देखा। वह एक भालू था। कम से कम खच्चर की सी ऊॅंचाई वाला। वह अपने सिर को झुकाये सूघंता हुआ चला आ रहा था। डेनिस से मुँह से निकला,‘ भालू का बच्चा।’
ओह !ये दो शब्द जैसे उनके लिये काल बन गये। डेनिस के ये शब्द दोनो की आँखों के आगे पूरा चित्र खींच लाये थे। उनके आगे मरा हुआ भालू का बच्चा पड़ा था। अब उसकी माँ बच्चे को ढूढती आ रही थी। बच्चे को मृत देख कर उसका जो रौद्र रूप होगा उससे वह सिहर गये।
दूसरे ही क्षण माँ ने दोनों को देख लिया। आकार मंे वह बड़ी तो थी ही क्रोध से उसके बाल भी खड़े हो गये थे जिससे वह दुगुनी बड़ी दिखाई दे रही थी। खुले हुए नुकीले दाँत उनकी तरफ बढ़ रहे थे। आँखे लाल हो गयी थी। और अंगारे बरसा रही थी। पत्तियों को रौंदती वह तूफान की तरह उनकी ओर बढ़ी।
‘शूट’ डेनिस चिल्लाया लेकिन गेरार्ड ऊपर से नीचे तक कापता खड़ा रहा। ‘शूट ’‘ओ माई शैतान शूट’ बहुत देर हो गई। पेड़ पेड़ उसने बच्चे को फेंक दिया और गेरार्ड को सड़क की ओर धक्का देकर समीप के पेड़ पर चढ़ा। गेरार्ड उसके पास वाले पर।
मगर भालूनी एक क्षण के लिये मृत बच्चे के पास ठिठकी न होती तो एक न एक का उसके पंजो से फटना निश्चित था।
जैसे ही भालुनी को निश्चित हुआ कि उसका बच्चा मर चुका है उसने एक दिल दहलाने वाली चीत्कार लगाई और डेनिस के पीछे लपकी। तब तक वह उसकी पहुँच ऊपर पहुँच चुका था।
दूसरे ही क्षण उसने पेड़ को पकड़ लिया और अपने नुकीले पंजे से पेड़ का एक टुकड़ा तोड़ लिया। उसने दोबारा अपने पंजें पेड़ में गाड़ दिये और ऊपर चढ़ने लगी।
डेनिस का दुर्भाग्य उसे ऐसे पेड़ पर ले गया था जो मृत था और अधिक ऊँचा भी नही था। वह तेजी से बिल्कुल ऊपर चढ़ गया और इधर उधर देखने लगा कि कोई ऐसा पेड़ हो जिस पर छलांग लगा सके। लेकिन ऐसा कोई भी पेड़ नही था। यदि वह नीचे कूदता है तो भालुनी भी उसके पीछे कूद जायेगी। उसका रक्त माथे में चढ़ने लगा और वह छोटी फुनगियों तक चढ़ गया।
मेरा समय पूरा हो गया। उसने सोचा मुझे मृत्यु का वरण एक साहसी व्यक्ति की तरह करना चाहिये। उसने एक हाथ में एक डाल कस कर पकड़ ली और दूसरे हाथ में छुरा निकाल लिया जिससे जैसे ही पहाड़ जैसा जानवर उसे खीचनें की कोशिश करे वह उसे छुरा मार सके।
युद्व का अंजाम क्या होने वाला था इसमें कोई संदेह नही था।
राक्षस सा शरीर ,सिर और कंधो पर बालांे और माँस का विशाल पिंड था। डेनिस उसके डंक मारने वाला था और वह डेनिस को अखरोट की तरह फोड़ने वाली थी। गेरार्ड का दिल अब कुछ कुछ ठीक हो चुका था उसने देखा उसका मित्र खतरे में है। भय से उसे एकदम क्रोध आ गया। एक क्षण में ही वह अपने पेड़ पर से उतरा और जाकर धनुष बाण उठा लिया जिसे वह भागते हुए छोड़ आया था और भालुनी के शरीर में एक वाण घुस गया। भालुनी क्रोध से और दर्द से पलटी ,‘दूर रहो डेनिस चिल्लाया नही तो यह मार डालेगी। ’
‘परवाह नहीं’ और दूसरे ही क्षण उसने दूसरा तीर मार दिया।
भालुनी अपने दूसरे शत्रु को ओर लपकी और पेड़ से उतर गई। गैरार्ड भागकर अपने पेड़ पर चढ़ गया। लेकिन अभी वह करीब आठ फुट की ऊँचाई पर था कि भालुनी उसके पीछे आ गयी और पंजा मारा और उसकी पेंट का कपड़ा उसके हाथ में था साथ ही कुछ माँस भी लेकिन गेरार्ड तेजी से ऊपर चढ़ता रहा। पास वाली शाखा पर उसने आवाज सुनी एक लंबी शाखा निकल रही थी। वह उसी पर चला गया और अंत तक पहुँच गया। भालुनी की आँखे बहुत तेज तो थी नही वह सीधी चढ़ती चली गई। गेरार्ड ने साँस छोड़ी ही थी कि भालुनी को अपनी गलती ध्यान में आ गई सभवतः गंध से वह रूकी। साथ ही गेरार्ड पर उसकी नजर पड़ी और वह उधर ही चल पड़ी।
धीरे धीरे उसने एक पंजा उस पर रखा और शाखा को आजमाया। मजबूत पा गुर्राती वह धीरे धीरे आगे सरकने लगी। गेरार्ड ने नीचे देखा। करीब चालीस फुट की ऊँचाई पर था वह। मौत धीरे धीरे उसकी ओर बढ़ रही थी। उसके बाल खड़े हो गये। पसीना बह निकला।
तभी एक तरफ टेंग की आवाज सुनाई दी उसने नीचे देखा। डेनिस बिल्कुल सफेद पड़ा हुआ तीर मार रहा था लेकिन भालुनी बढ़ती रही। दोबारा तीर मारा लेकिन भालुनी पर कोई असर नहीं हुआ। वह गेरार्ड के समीप आ गई उसने पंजा उठाया तभी लाल रक्त फव्वारे की तरह गेरार्ड पर पड़ा। तीर पंजे में लगा था। घायल भालुनी बिफर पड़ी। एक दूसरे तीर ने भालुनी को हिला दिया। जोर से टहनी हिली और गेरार्ड पेट के बल झूल सा गया। दूसरे ही क्षण विशाल दांतो के बंद होने की आवाज आई। भालुनी के विशाल शरीर ने एक बार और पंजा मारने की कोशिश की फिर पत्तियां और टहनियों को तोड़ती वह नीचे आ गिरी।
नीचे से खुशी की चीख उभरी साथ ही दर्द की आह भी क्यांेकि गेरार्ड भी नीचे गिर रहा था। डेनिस उधर लपका और काफी हद तक उसके गिरने को बचाया । गेरार्ड मृत भालुनी के ऊपर गिरा। भालुनी के कंधे थरथराये लेकिन बेकार। उसने अंतिम साँस ली।
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