Friday, 11 November 2022

पंछी

 आजाद हैं पंछी कहीं भी उड़े 

सीमा का कोई बंधन नहीं

बसेरा बनाना है किसी भी झाड़ पर

उसका देना कोई किराया नहीं 

बरगद पर बैठे या पाकड़ पर सोये

किसी ने भी उसको हटाना नहीं 

सभी वृक्ष उनके लिये हैं चंदन

नीम हो या बरगद उनका है घर नंदन

इतना सा कोना कि ठिक जाय घर उनका


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