Sunday, 15 April 2018

तूफान और नन्हा पोधा

अभी  आठ तारिख को आगरा जनपद मैं भयंकर तूफ़ान आया जानमाल का खेती का  बहुत नुक्सान हुआ बड़े बड़े पेड़ धराशायी  गए मैं जिस अपार्टमेन्ट  मैं रहती हूँ  उसकी दीवार  गिर गई सड़कों पर उखड़े पेड़ बिछ  गए  पर मेरी बालकनी की दीवार पर रखा चार इंच का छोटा सा  करुआ जिसमे  करुआकॉठ के बाद मैंने एक पौधा लगा दिया था अकेला रखा रहा उसे कुछ नहीं हुआ मैं सुबह बालकनी मैं देखने पहुंची कि  कितने गमले लुढ़क कर टूटे   गमले  जो जमीन पर रखे थे टेढ़े  हो गए पर पता  दीवार पर रखा वह छोटा सा  गमला उस तूफ़ान को सहजता से झेल गया  वास्तव  यह कहानी थी   दिए की और   तूफ़ान  की 

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