अभी आठ तारिख को आगरा जनपद मैं भयंकर तूफ़ान आया जानमाल का खेती का बहुत नुक्सान हुआ बड़े बड़े पेड़ धराशायी गए मैं जिस अपार्टमेन्ट मैं रहती हूँ उसकी दीवार गिर गई सड़कों पर उखड़े पेड़ बिछ गए पर मेरी बालकनी की दीवार पर रखा चार इंच का छोटा सा करुआ जिसमे करुआकॉठ के बाद मैंने एक पौधा लगा दिया था अकेला रखा रहा उसे कुछ नहीं हुआ मैं सुबह बालकनी मैं देखने पहुंची कि कितने गमले लुढ़क कर टूटे गमले जो जमीन पर रखे थे टेढ़े हो गए पर पता दीवार पर रखा वह छोटा सा गमला उस तूफ़ान को सहजता से झेल गया वास्तव यह कहानी थी दिए की और तूफ़ान की
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