इस धर्म और संस्कृति के यदि किसी महानगर मैं भूख से मोत होती है केवल उस व्यक्ति की चल फिर नहीं सकता इतना अशक्त है कि घर से बाहर नहीं निकल सकता मैं आदिवासी या पिछड़े इलाके लिए कह हूँ जहाँ गरीबी इतनी है कि एक समय खाना क्या कुछ भी नहीं है परिस्थितियां विषम भी हो है हम भरे पैट वाले नहीं जान सकते पर मैं महानगर मैं भूख से मौत किसी अशक्त बीमार और यदि अकेला है तब ही है
मैं एक महानगर की ही बता रही हूँ जहाँ एक व्यक्ति की भूख से मोत शीर्षक से समाचार पत्र भर गए प्रशासन के लिए और सरकार को घरने के लिए विपक्ष जुट गया।
मैं हैरान थी कि यदि विपक्ष को मालूम थी कि भूख से मर रहा है कोई मानवीयता के नाते नाते क्या उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है किसी पडोसी का धर्म नहीं था
या वह व्यक्ति इतना निकम्मा था कि वह कुछ काम ही नहीं करना चाहता था
हो सकता है कि उसे अपने आदमी होने गर्व हो और चाहे मर जाये काम नहीं करेगा या वह व्यक्ति जो है राम ने पैदा किया है तो दाना भी वही डालेगा
यह इस लिए लिखना पड़ रहा क्योकि हर शहर मैं लंगर जरूर होते है वैसे जिस व्यक्ति की मोत से पत्र भरे उसके घर से कुछ दूर पर मंदिर है जहाँ प्रतिदिन किसी
मैं एक महानगर की ही बता रही हूँ जहाँ एक व्यक्ति की भूख से मोत शीर्षक से समाचार पत्र भर गए प्रशासन के लिए और सरकार को घरने के लिए विपक्ष जुट गया।
मैं हैरान थी कि यदि विपक्ष को मालूम थी कि भूख से मर रहा है कोई मानवीयता के नाते नाते क्या उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है किसी पडोसी का धर्म नहीं था
या वह व्यक्ति इतना निकम्मा था कि वह कुछ काम ही नहीं करना चाहता था
हो सकता है कि उसे अपने आदमी होने गर्व हो और चाहे मर जाये काम नहीं करेगा या वह व्यक्ति जो है राम ने पैदा किया है तो दाना भी वही डालेगा
यह इस लिए लिखना पड़ रहा क्योकि हर शहर मैं लंगर जरूर होते है वैसे जिस व्यक्ति की मोत से पत्र भरे उसके घर से कुछ दूर पर मंदिर है जहाँ प्रतिदिन किसी
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