बार बार यह बात उठ रही थी कि नेताओं की पेंशन क्यों? विधायक सांसद बनते हैं तब कहते हें कि हम तो जनता की सेवा करने के लिये अपना समय दे रहे हैं। सब जानते हैं कि उस समय को देने के नाम पर वो जनहित के स्थान पर अपना हित ही कर ते हैं। पूरा पूरा वेतन ओर सुविधाऐ ंतो लेते ही हैं साथ ही महत्वपूण्र व्यक्तित्व सारा दिन मुख्य अतिथि बनना और फीते काटना ,उद्घाटन करना उनका प्रमुख काम होता है। और यह वे अच्छी तरह जानते कि जन सेवा केनाम पर क्या क्या लाभ लेते हैंइसलिये तो लाखों रुपये खर्च कर चुनाव लड़े जाते हैं। अब एक पंक्ति पड़ी नेताओं की पेंशन बंद होगी ।पर क्या नेता बंद होने देंगे? यह मध्यमवर्ग के लिये बहुत राहत हे। जन ज न जानता है जो कुछ देश चलता है और नेता लोग खाते हैं वह मध्यमवर्ग द्यारा अपनी दिन रात की मेहनत का पैसा अनेकों प्रकार से कर रूप् में देते हैं तब यह सब खच्र चलता है तब कर दाताओं की आँख में क्रोध आना स्वाभाविक ही है कि उनकी दिन रात की मेहनत को नेता लोग पर न्यौछावर कर दिया जाता है । अब जब यह पंकित पढ़ी कि पेंशन बंद होगी तो लगा शायद कुछ कर दाताओं के ह्मदय पर मलहम लगेगी
No comments:
Post a Comment