Thursday, 25 April 2024

भजन का सत्यनाश

 जैसे जैसे  यू ट्यूब  की लोकप्रियता बढ़ रही है लोग तरह तरह के वीडियो ऑडियो बना बना कर डाल रहे हैं कुछ  सनातन धर्म की ओर लोगों का रुझान बढ़ रहा है और जरा भी गला अच्छा है तो भजन की  बाढ़ सी आ गई है ,अब भजन जो लोकप्रिय हो जाता है वह हर गायक गाकर अपलोड करता है , हम देवी देवता भी कई मानते हैं और उनके विशेष त्यौहार मानते हैं   विडिओ आडियो बनाने वालों को उससे कमी भी करनी होती है  तो विज्ञापन देना भी जरूरी है परन्तु जब मन और भजन की गंभीरता को न जानने वाले अनाडी लोग   आडियो बनाते हैं वो ये नहीं जानते जब आस्था के साथ भजन सुनता हुआ गायेगा वह व्यक्ति भजन के बीच में व्यवधान कभी पसंद नहीं करेगा वह इश्वर  की ओरे ध्यान लगाने का प्रयास भजन के माध्यम से करता है लय्  टूटती है तो फिर भजन भजन नहीं रहता .भजन का अपना महत्त्व है भजन साधना का माध्यम है .

भजन के साथ दूसरी मुश्किल यह है कि फ़िल्मी प्रसिद्ध गानों की धुन पर भजन बना लिए जाते हैं उनवे भजन भी भजन नहीं रहते  आब चोली के नीचे क्या है जैसे प्रसिद्ध गाने मैं  क्या देवी जी का चेहरा देखा जा सकता है जब कि हर प्रदेश के लोकगायकों द्वारा गए जाने वाले भजन या गीतों की धुन अधिक अच्छी होती है तब ही तो फ़िल्मी संगीतकार जगह जगह के स्थानीय लोकगीतों को सुनकर उसे अपने नाम से दे देते है  वे अधिक लोक प्रिय होते हैं  भजनों की भी अपनी धुन होती है 

भजन के साथ एक मुश्किल और है जो भजन लोकप्रिय अधिक हो गया उसको हर देवी देवता के लिए उसका नाम बदल कर गाने लगते हैं  चाहे उसमें दिया गया चित्रण उस देवता के लिए बैठे या न बैठे 

 उदहारण के लिए  मेरी झोपड़ी के भाग शबरी द्वारा गाया राम भजन है  अब उसमें स्याम लगा देने से वह बात तो नहीं अजाएगी  राम का चरित्र  और श्याम का चरित्र  दोनों अलग हैं खाटूश्याम भी अलग हैं अब सब के  भजन में एक सा वर्णन  करने से क्या वही स्वरूप हो जायेगा यदि आप राम को गुजा माला  पहना कर पग मैं पायल पहना देंगे तो क्या राम राम रह पाएंगे 

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