Tuesday, 28 November 2023

Hindustan

 हिन्दुस्तान

हिन्दुस्तान हिंदू देष है पर हिंन्दू षब्द के लिये हमारे यहां इसे विषेष धर्म का पर्याय मान लिया गया है, जबकि सप्त सिन्धु अर्थात् यहां पर सात सिन्धु हैं। फारसी में हप्त हिन्दुस्तान हो जाने के कारण यह सिन्धु से हिन्दु हो गया। हिन्दुस्तान जहां पर हिन्दू रहते हैं और हिन्दू धीरे धीरे एक धर्म के रूप में प्रचलित हो गया जब कि यह जिस प्रकार इंगलैंड में रहने वाले अंग्रेज, अमेरिका में रहने वाले अमेरिकन हैं उसी प्रकार हिन्दुस्तान में रहने वाले हिंदू हैं।यह राष्ट्रीय एकता का षब्द हैं लेकिन अब इस एकता के लिये हमें भारतीय षब्द अपनाना हे । हम भारतीय हैं एक देष एक राष्ट्र ।

जो लोग एक विषिष्ट क्षेत्र में रहते हों जिनकी भूतकाल की स्मृतियों और भविष्य की आकांक्षायें समान हों और जिनमें एक होने की भावना और इच्छा हों वे एक राष्ट्र माने जाते हें ।जीवित मानव की तरह राष्ट्र के दो प्रमुख अंग हैं एक देष की धरती और दूसरी उसकी संस्कृति । धरती राष्ट्र का षरीर माना जाता है और संस्कृति उसकी आत्मा और दोनों के मेल से राष्ट्र बनता है ।

हिन्दुस्तान का जनमानस इस सारे विषाल क्षेत्र को एक देष और राष्ट्र मानता आया है, इसकी संस्कृति का आधार इसका चिन्तन और इसके साहित्य और कला में इसकी उपलब्धियां सभी महापुरुष और साझे सुख दुःख की स्मृतियां मिली जुली संस्कृति अथवा गंगा जमुनी संस्कृति की बात एकदम निरर्थक है, जब जमुना गंगा में मिल जाती है तो उसका पानी भी गंगाजल बन जाता है इसी प्रकार जो भी तत्व हिन्दुस्तान के साथ एक रूप हो गये  वे गंगाजल की तरह इस राष्ट्र का अभिन्न अंग बन गये । अलगाववाद की बात करने वाले राष्ट्र की अखंडता और एकता पर प्रहार है ।

राष्ट्र की एकता के लिये समर्पित भाव आवष्यक है उसके लिये मर मिटन की बात अपने को इसी राष्ट्र का मानने की बात । कुछ लोग इस विषाल देष की स्वाभाविक विभिन्नता के आधार पर बहुसंस्कृतिवाद वाला राष्ट्र कहा है। कोस कोस पर पानी कोस कोस पर बानी बदलती है ,परन्तु मन भारतीय हैै तो वह भारतीय ही रहेगा, अलगाववादियों का राष्ट्र की मूल धारणा में स्थान नहीं रहेगा ।

भारत में सबको अपन अपने ढंग से रहने सोचने और ईष्वर की पूजा करने का पूर्ण अधिकार है। ‘मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना। यह सह आस्तित्व का आधार है क्योंकि भारतीय मानव जाति को एक कुटुम्ब मानता है और कर्म पर विष्वास करता है। विचार स्वतंत्रता का पक्षधर है ,इसलिये राजनैतिक क्षेत्र में यह लोक तंत्र और पंचायत तंत्र का पक्षधर है । जहांतक मैं समझती हूं धर्म भाषा आदि से अलग मानवतावादी होना चाहिये ।


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