Friday 26 August 2022

bheed

 आप भीड़ में जा रहे हैं या भाड़ में आपकी मनःस्थिति पर निर्भर करता है

आपकी ईमानदारी डिगती है कपड़े मंहगे हो जाते हैं, आप खुद सस्ते हो जाते हैं ।
भाग रहा है हर आदमी उधर ही जिधर भीड़ है फिर कहता है उफ किस कदर भीड़ है ।

No comments:

Post a Comment