वो घूम रहा है मस्त मस्त
हम अंदर बैठे त्रस्त त्रस्त
वो दस्तक देता द्वार द्वार
घबराकर रोते जार जार
हम ताक रहे कपड़ा लपेट
ल्ेा ले न कहीं अपनी चपेट
पल भर में करता राख नगर
रोकी उसने हर डगर डगर
कोई कहता मैं महाशक्ति
हम में देवों की महाभक्ति
हम देख रहे आंखें निकाल
पर नहीं दिखा नन्हा त्रिकाल
चल रही हवा में है तलवार
अदृश्य शत्रु कर रहा वार
इक सूक्ष्म जीव ने डरा दिया
हम अंदर बैठे त्रस्त त्रस्त
वो दस्तक देता द्वार द्वार
घबराकर रोते जार जार
हम ताक रहे कपड़ा लपेट
ल्ेा ले न कहीं अपनी चपेट
पल भर में करता राख नगर
रोकी उसने हर डगर डगर
कोई कहता मैं महाशक्ति
हम में देवों की महाभक्ति
हम देख रहे आंखें निकाल
पर नहीं दिखा नन्हा त्रिकाल
चल रही हवा में है तलवार
अदृश्य शत्रु कर रहा वार
इक सूक्ष्म जीव ने डरा दिया
सुन्दर और सामयिक प्रस्तुति
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