Thursday 28 May 2020

शिक्षा

 शिक्षा



  ‘ क्यों वे सीढ़ियांे पर क्या कर रहा है? तेरे बाप का घर है जो पसरा पड़ा है निकल भाग साले बदजात न जाने कहाॅं से चले आते है।ये तू ही है माँ इन भिखारियों को  मुँह लगाये रहती है। किसी दिन चैपट कर जायेंगे, तेरा तो कुछ जायेगा नहीं कब्र में पैर लटकाये है। सबने मिलकर हराम कर रखा है जीना।’ सुधीर ने घर की सीढ़ियों पर बरसात से बचने के लिये बैठे भिखारी को देख कर कहा
तभी झगड़े की आवाज कान में पड़ी साथ ही मिंटू महरी के लड़के को खींचता बाहर लाया ,‘साला नालायक तू बन चोर नहीं तो पीटूँगा।’
‘मिंटू  गाली बक रहा है -तुझे षरम नहीं आती है ,लाख बार मना किया है इन अवारा गली के छोकरों के साथ मत खेला कर गंदी गंदी आदतें सीख रहा है। बेवकूफ, भुच्च कहीं का, खबरदार इस जबान से गाली निकली तो काट कर यहीं गाड़ दंूगा।’

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