व्हाट्सएप फेसबुक ने कितनी छोटी ही और मैं इसके कितना भला हो पर बुरा भी। मेरी कामवाली बाई दो छुट्टी गइलेकर गई मैं यह भी नहीं पुछा कि क्यों छुट्टी रही है क्योंकि जब जब त्यौहार आता है काम वालों के त्यौहार प्रमुख हो जाते हैं त्यौहार क्या आते लोगों के जैसे मुसीबत जाती है काम बढ़ जाता है और काम वाले छुट्टी ले हैं उन्हें अपना त्यौहार होता है त्योहारी से इनाम लेते है ा नवमी हो या गणेश पूजा हो अब सब पूजा निम्न मैं बहुत धूम धाम से होते हैं देवी जाती हैं और फिर गेट बजाते मेरे हिसाब उनसे लेते हैं अब अगले बरस मैया तू जा अब हमें चैन से पाप कर लेने दे तू तो भोली है तुझे तो गए बजा कर मन लेंगे सब निकल पड़ते हैं देवी को मानाने पैदल यात्रा पर भक्तों सेवा को लोगों के दिल खुल जाते भंडारे लगते ही है फल शरबत जूस सब हाजिर होता है छुट्टी ली और चल दिए।
मेरी कामवाली भी वहीँ होगी लिया उसके साथ उसका पांच साल का बेटा आता है व्हाट्सप्प एकाएक एक पोस्ट आई हिण्डोन मैं एक लड़का मिला है वह अपने को आगरा का बता रहा है फोटो देखी और फॉरवर्ड दी एकदम से पहचान मैं नहीं आया कहना नहीं होगा ध्यान ही नहीं दिया क्योंकि इतनी पोस्ट होती हैं कि सबको पढ़ना बहुत मुश्किल का काम है दो दिन की कहकर वह तीसरे दिन नहीं आई तो उसके घर पर फोन किया तो पता चला लड़का नहीं मिल है वह भीड़ मैं बिछुड़ गया है अब वह पोस्ट निकली भगवान् की कृपा से वह पोस्ट थी उसके घर वालों को बताया वे भागे और लड़का मिला पर जैसे देवी जी और कभी तो दर्शन देने से मना कर देती इतने छोटे दो बच्चे एक गोदी मैं दो साल की लड़की और यह साल का लड़का कमाल भक्ति का
मेरी कामवाली भी वहीँ होगी लिया उसके साथ उसका पांच साल का बेटा आता है व्हाट्सप्प एकाएक एक पोस्ट आई हिण्डोन मैं एक लड़का मिला है वह अपने को आगरा का बता रहा है फोटो देखी और फॉरवर्ड दी एकदम से पहचान मैं नहीं आया कहना नहीं होगा ध्यान ही नहीं दिया क्योंकि इतनी पोस्ट होती हैं कि सबको पढ़ना बहुत मुश्किल का काम है दो दिन की कहकर वह तीसरे दिन नहीं आई तो उसके घर पर फोन किया तो पता चला लड़का नहीं मिल है वह भीड़ मैं बिछुड़ गया है अब वह पोस्ट निकली भगवान् की कृपा से वह पोस्ट थी उसके घर वालों को बताया वे भागे और लड़का मिला पर जैसे देवी जी और कभी तो दर्शन देने से मना कर देती इतने छोटे दो बच्चे एक गोदी मैं दो साल की लड़की और यह साल का लड़का कमाल भक्ति का
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (30-03-2017) को "सन्नाटा पसरा गुलशन में" (चर्चा अंक-2925) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'