बार बार यह कहा जा रहा है कि पाकिस्तान धोखेबाज है। वह भितरधाती है। एक तरफ वहाँ मोदी जी से मिल रहा है दूसरी तरफ आंतकी भेज रहा है पर एक बार सोचिये भितरघाती कौन हैं? भितरघाती पाकिस्तान नही हमारे अपनों देशवासी हैं जो चंद टुकड़ों के लिये इतने उच्च पद पर होते हुए देश को आंतक के हवाले कर रहे हैं। हमारे देश का अफसर हैं जिसने उन्हें साधन दिया व राह दिखाई पाकिस्तान नही।
लंका विभीषण की बजह से ढही। हमारे यहाँ हजारों विभीषण हैं। शायद एक बार जिनके मंहगें शौंको को पूरा करने के लिये अतिथियों को निमंत्रण दिया क्या उस अफसर का परिवार समाज में मुँह दिखाने के काबिल रहेगा। बच्चे स्कूल में मुँह उठा कर चल सकेगें। और स्वयं उसका क्या?
एक बार परिणाम की भी सोच लें पहले तो शायद ऐसे कदम उठाने से पहले सौ बार सोचेगें। लेकिन इंसान यह सोचता है कि वह तो कभी पकड़ा नही जायेगा। एक बार अपने बच्चों के लिये परिवार के लिये देश के लिये भी सोच लें।
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