माॅं तुम ज्ञान देने वाली हो
जब चारों ओर संषय होने लगता है
तब हम कहाॅं जाएॅं
तुम्हारी छवि का घ्यान ही हमारी
अज्ञानता को दूर कर देता है
ष्षारदे हम एक दीप जलाते हैं
और बस इतना जानते हैं
कई लयबद्ध सितार बज रहे हैं
तो वह भी आपकी उपासना कर रहे हैं
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