Friday, 9 August 2019

सहायता


                           सहायता

            विमला को कुछ कम दिखने लगा था बहुत कोशिश करती थी कि जल्दी काम करके उजाले में ही घर लौट जाये। पर करते करते सांझ झुक जाती। कोठी पार करके तिराहा पार करना पड़ता तब गलियों मे होती घर जाती थी। तिराहा पार करने  मे उसे बहुत समय लगता इधर उधर देखती तब पार करती थी। हर समय डरती रहती कि कहीं कोई टक्कj मार जाये और उसका डर सत्य हुआ बड़ी तेजी में आया स्कूटर, विमला केk दिखाई नहीं दिया और धड़ाक से विमला से टकराया। विमला छिटककर दूर गिरी उसे होश नहीं रहा।
            पास ही चाय की दुकान से दौड़ कर राजू आया वह रोज उसे दोनों समय आते जाते देखता थाA कभी कभी चाय पिला देता था क्योंकि जल्दी काम खतम होने पर घर जाने से अच्छा उसे बाजार  देखना अच्छा लगता था घर घुसूंगी किच किच  किच किच jktw से अपने सुख दुख बताती रहती ग्राहक रहने पर वह भी उससे बोल लेता था बुढिया को टकराते देख वह दौड़k और एकदम स्कूटर वाले को पकड़ लिया जो कि भागने की तैयारी में था। विमला हिल भी नहीं रही थी मर गई बुढ़िया] स्कूटर वाला डर गया उसको डरसे कांपते राजू ने देखा और विमला से लिपट गया ,‘ अम्मा हाय अम्मा मेरी अम्मा मार दई हाय अब कैसsss करूंगा।
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            फिर उठकर उसने स्कूटर वाले का गला पकड़ लिया]^ मैं कहा से इसका इलाज कराऊंगा, अगर मर गई तो काठी कफन कहां से लाऊंगा गरीब आदमी।* स्कूटर वाला कैसे भी जान बचाना चाहता था उसने पर्स से सारे पैसे दिये साथ ही उसकी घड़ी, मोबाइल, भी छीन लिया  और राजू रिक्शा करके अपनी अम्मा को अस्पताल ले जाने की जल्दी में था। उसे जल्दी थी कि कहीं बस्ती का तो dksbZ वहॉं vk tk;  जिसमें बुढ़िया रहती है वह जल्दी से मामला सुलटाना चाहता था va/ksjk Fkk कुछ राहगीर ही थे  ns[rs ns[krs भीड़ जुट आयेगी कोई पहचान ले कि उसने विमला के लिये पैसे लिये हैं। उसने रिक्शा किया और विमला को अस्पताल के लिये ले pला  विमला को बड़ी रात होश आया नर्स ने बताया  कि उसे कोई अनजान व्यक्ति इमरजेंसी के बाहर छोड़ गया था।






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