Monday, 12 August 2019

मोलभाव


मोल भाव



      हल्की हल्की सुनहरी रोशनियों से हाॅल रोशन हो रहा था। स्टेज पर गायक गाना गा रहा था।

‘क्या मंगाया जाये?‘ ‘‘पांच सितारा होटल मे मेैन्यू कार्ड उलटते पलटते सुभाष बोले।‘दाल मखनी‘‘ उत्साह से नमन बोला ‘‘धत्‘ अभी कल ही तो घर में बनी थी कुक बहुत बच्छी बना लेता है ‘‘ कनिका ने बच्चांे से कहा।

      ‘शिट मम्मा ‘फिर आप कहोगी मलाई कोफ्ता परसों बने थे अब यही सब मिलता है होटलांे मंे । एक नाॅन वेज मगा लीजिये ,पापा टंगडी कबाब मंगा लीजिये‘‘ अनन्या ने मैन्यू कार्ड बन्द कर के कहा।‘ अच्छा पापा मेरे लिऐ सिजलर मंगा दीजिये‘‘ नमन बार बार ऊपर नीचे उलट पुलट कर मैन्यू कार्ड देख रहा था।

      कुछ नया दिख ही नही रहा था।

      खाना खाने के साथ ही सुभाष को लगा जोर की अंगडाई लंे पर रोक लिया ,यह कोई घर है यहाॅं सभ्यता से बैठना पड़ता है। बिल देखा 2375 रू0 का था। पांच पांच सौ के छःनोट रख उठ दिये। अदब से वेटर ने पीछे से कुर्सी हटाई और सलाम मारा । उसे सवा सौ रूपये मिल गये थे, एक सलाम तो बनता है। सुभाष टूथपिक से दांतो को कुरेदते चल दिये। पचास का नोट दरबान के सलाम मारने पर पकड़ाया एक गर्व का सा भाव चेहरे पर उतर आया। होंडा सिटी कार निकाल सब चल दिये।

      कुछ आगे चलते ही  पेड़ के नीचे एक सब्जी का ठेला खडा देखा ‘अरे रोकना ‘ कनिका बोली स्ुाबह के लिऐ सब्जी लेलंू‘ इस समय सस्ती मिल जायेगी‘‘

      पापा‘‘‘‘‘‘‘‘‘ आइसक्रीम भी खानी है बच्चे बोले‘‘‘‘‘‘‘‘‘

      ‘चलो तुम लोग आइसक्रिम पार्लर से जो भी आइसक्रीम लेनी है लो हम सब्जी ले लेते हंै‘‘

      कनिका ने सब्जी वाले से आलू लिये गोभी ली, टमाटर लिये‘‘‘‘‘‘। टमाटर आधा किलो से ज्यादा बचे थे । ‘अबे  आधा किलो में सब तौल दे ,’कहकर सारे टमाटर थैली में डाल  लिये एक सौ दस रूपये बन,े सौ का नोट दिया तो सब्जी वाला बोला,‘ साहब दस रूपये‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘ ‘ अबे‘‘‘‘‘‘‘ चल इतने भी कम नही करेगा अब तो सडे़गी तेरी सब्जी धनिया मिर्च और डाल’ कहकर शान से थैली लेकर बढ गये सब्जी बाला निराशा से देखता रहा।

      वही दस रूपये तो उसे बचने थे पर हाॅं गोभी सुबह तक बासी हो जाती उसे और सस्ते मंे बेचनी पडती। एक गहरी सांस ले उसने गल्ला समेटना षुरू कर दिया । ग्यारह बज गये थे अब घर जाकर खाना खाले भूख लगी थी।

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