Wednesday, 28 March 2018

devi maiya ki jay

व्हाट्सएप  फेसबुक ने  कितनी छोटी  ही  और मैं इसके  कितना भला हो  पर बुरा भी।  मेरी कामवाली बाई  दो  छुट्टी  गइलेकर गई मैं यह भी नहीं पुछा कि  क्यों छुट्टी  रही है क्योंकि जब जब  त्यौहार आता है  काम वालों के त्यौहार प्रमुख हो जाते हैं त्यौहार क्या आते  लोगों के  जैसे मुसीबत  जाती है काम   बढ़ जाता है और काम वाले छुट्टी ले  हैं उन्हें अपना त्यौहार  होता है  त्योहारी  से इनाम लेते है ा नवमी हो या गणेश पूजा हो अब सब पूजा निम्न  मैं बहुत धूम धाम से होते हैं देवी  जाती हैं और फिर गेट बजाते मेरे हिसाब  उनसे  लेते हैं अब  अगले बरस  मैया तू जा अब हमें चैन से पाप कर लेने दे तू तो भोली है तुझे तो  गए बजा कर मन लेंगे  सब निकल पड़ते हैं देवी को मानाने पैदल यात्रा पर भक्तों  सेवा को लोगों के दिल खुल जाते  भंडारे लगते ही है फल शरबत जूस सब हाजिर होता  है  छुट्टी ली और चल दिए।
मेरी कामवाली भी वहीँ  होगी  लिया उसके  साथ उसका पांच साल का   बेटा आता  है व्हाट्सप्प  एकाएक एक  पोस्ट आई  हिण्डोन मैं एक    लड़का  मिला है   वह  अपने को आगरा  का   बता  रहा है  फोटो  देखी  और फॉरवर्ड  दी एकदम  से    पहचान मैं नहीं आया कहना नहीं होगा  ध्यान ही नहीं दिया  क्योंकि इतनी पोस्ट होती हैं कि सबको पढ़ना बहुत मुश्किल का काम है  दो  दिन  की कहकर वह तीसरे दिन नहीं आई तो उसके घर पर फोन किया तो पता चला लड़का नहीं मिल है वह भीड़ मैं बिछुड़ गया  है  अब वह पोस्ट निकली  भगवान् की कृपा से  वह पोस्ट  थी उसके घर वालों को  बताया वे  भागे और लड़का मिला पर  जैसे  देवी जी और   कभी  तो दर्शन देने से मना  कर देती इतने  छोटे दो बच्चे एक गोदी मैं दो साल की लड़की और यह  साल का लड़का कमाल  भक्ति का 

Monday, 26 March 2018

jai ho netaon ki

इस देश  मैं धकेलने के लिए  नेता नए नए शगूफे छेड़ते हैं  और मनमाने अधिकार  हैं परेशान मौजूदा जो  सरकार होती है गद्दी बचाने के लिए मान लेती  है
देश जाये भाड़  मैं
मौज मनाये आड़ मैं
बस  नीति है नेताओं की। आरक्षण भी एक बहुत बड़ा माध्यम है इस निति का आंदोलन कर्ता  देश  बेकार नौजवान या बाप की कमाई को फूकने  के लिए   तैयार जिन्हे कोई काम तो है नहीं सोच लेते हैं कि उड़ कर लग गई तो नेता बन जायेंगे फिर  पैसा खाने का  मजा   ही  है  उसका तो लाइसेंस मिल जायेगा नहीं तो कुछ वैसे  मजा लेलें निकम्मे हैं कुछ पत्थर मारकर ही दूसरों को लूट लें  इस लूट  कोई दावेदार नहीं चलो फ़ोकट  छीन लो हर आंदोलन  मैं सोलह से पच्चीस पच्चीस  साल के लडके उधम  मिलेंगे जिन्हे  यह भी नहीं पता   होगा कि  किसके लिए हाय  हाय  कर रहे हैं नहीं तो ऐसे कैसे कोई अपनी मिटटी  लिए हाय कर सकता है कुत्ता भी जिस घर से रोटी पाता है उसकी पहरेदारी करता  है नेता माला पहन मुस्कराएंगे बेवकूफ उनकी जय करते पीछे पीछे चलेंगे अगर अपनी  अकल लगाते तो क्या हम  गुलाम रहते कोई कोई भी आंदोलन हो अहित जनता का है  है आंदोलन करता तो फिर फर्श  अर्श  पहुँचता है

Monday, 19 March 2018

akhbaar aur mahilayen

अखबार   नाम  भागने वाली महिलाएं अब नेवसपपेर आते ही  उसे  लगती हैं  इससे पहले  के किसी और सदस्य की नजर न्यूज़ पेपर  पड़े  साड़ी  पल्लू   दबाया  और गए एक  मैं  आखिर   मैं इतना   क्यों  है  कारन हैं
महिलाओं  लग जाता  है  ज्वेल्लेरी की   और  कहाँ साड़ी  की। 
 आजकल  पेपर मैं महिलाओं  स्थान  लगा है   उसकी उसकी वजह है कि महिलाए यह देखती  हैं  कि  किस महिला को  स्थान दिया  है कौन कम  छप रही है और कौन ज्यादा और जो ज्यादा छपती   है उसे अन्य महिलाएं अपना गुरु  मानने लगती  पर एक दूसरे से कहती हैं पत्रकार की  चमची  है  या संपादक को पता  रखा  है पेपर पढ़ने से किटी  पार्टियों  गेम्स  पता चल  जाते हैं।  नई  कॉस्मेटिक  के बारे  मैं खबर  लग जाती है  महिलाओं की कोशिश रहती है नए अखबार आलमारी मैं बिछाये जाएँ।  पुराने अखबार पीले पड  जाने के कारण  उनमें शो नहीं आती  अखबार की रद्दी  के पैसे महिलाओं की जेब मैं जाते हैं इसलिए वे चाहती है कई अखबार  ाएँ