हमारे भारत की जनता बहुत भोली है क्या अब भी वे बाबाओं पर विश्वासकरते रहेंगे कितना समय है जो समय किसी काम में लगाना चाहिए वो बाबाओं के चक्कर मैं बर्बाद कर देते हैं
क्या जन धन की हानी करने वालों को अपने पर जरा भी अफ़सोस होगा की उन्होंने किस के लिए अपनी जिंदगी बर्बाद कर दी एक बाबा की अय्याशी के लिए करोड़ों लोगो ने अपने को बर्बाद किया अपने बच्चों के मुंह से निवाला छीन कर एक बाबा की अय्याशी का समान जुटाया किस लिए खुद उन्हें क्या मिला कुछ दिन घर से किसी भी उदेश्य को लेकर जाना है तो अन्यत्र भी जाया जा सकता है
जिस जनता ने पञ्च कुला को आग के सुपुर्द किया क्या समागम मैं जाने वाली ही जनता है जो मरे वे तो समागम मैं जाने वाले थे पर जीनोने मारा सब नवयुवा वर्ग था
क्या जन धन की हानी करने वालों को अपने पर जरा भी अफ़सोस होगा की उन्होंने किस के लिए अपनी जिंदगी बर्बाद कर दी एक बाबा की अय्याशी के लिए करोड़ों लोगो ने अपने को बर्बाद किया अपने बच्चों के मुंह से निवाला छीन कर एक बाबा की अय्याशी का समान जुटाया किस लिए खुद उन्हें क्या मिला कुछ दिन घर से किसी भी उदेश्य को लेकर जाना है तो अन्यत्र भी जाया जा सकता है
जिस जनता ने पञ्च कुला को आग के सुपुर्द किया क्या समागम मैं जाने वाली ही जनता है जो मरे वे तो समागम मैं जाने वाले थे पर जीनोने मारा सब नवयुवा वर्ग था