Friday 14 April 2017

जाति से नफ़रत न करें

योगी जी का  एक खाना बनानेवाला मुस्लमान है इस पर आज सवाल  उठे।  वैसे उस मैं कही कोई तथ्य नहीं था पर मुसलमान  एक धर्म है और जो व्यक्ति देश मैं किसी भी पद पर है चाहे नेता हो या सरकारी  ऑफिसर उन्हें जातिगत भेद भाव करने का अधिकार नहीं मिल जाता है  अगर रसोइया मुसलमान होता तो यह उनका बद्दप्पन होता  हम उसके हाथ का क्यों नहीं खा सकते विचारों से नफरत होनी चाहिए व्यक्ति से नहीं जो देश के विरोध मैं बात करते हैं वे अस्पृश्य  हैं न कि  जाती से ये मत भूलो कि भाजपा की जीत मैं मुसलमान महिलाओं का बहुत  बड़ा हाथ है रही मीट खाने की बात तो आज शाकाहारी बहुत काम ही हैं  ब्राह्मण तो दबा के मीट खाते  हैं।  एक नेता जी विदेश गए वहां वे गे का मीट खा रहे थे किसी ने टोका नेताजी ये क्या भारत मैं तो  आंदोलन चल रहा है गाय पूज्य है और आप ? तो नेताजी बोले  "ये विदेशी गाय  है भारत की नहीं " यह ही हमारा दोहरे मानदंड हैं। 

1 comment:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (16-04-2017) को
    "खोखली जड़ों के पेड़ जिंदा नहीं रहते" (चर्चा अंक-2619)
    पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

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