Sunday 5 February 2017

शादी दो पहलवानों का मिलन

जिस समय शादी की रस्म निभाई जाती है दुल्हन को लाल जोड़ा  पहनाया जाता है  अर्थात खतरा सामने है संम्भल  जाओ लेकिन नहीं उस समय तो पति बनने के शौक  मैं उस खतरे को लाँघ जाते हैं फिर भी घर वाले प्रयत्न मैं रहते हैं कि संभल  जाओ और हाथ मैं हाथ देकर जोश आजमाइश का मौका  देते हैं लगता यही है कि  दो पहलवान दांव खेलने से पहले हाथ मिला रहे हैं लेकिन नहीं पति लोग ज़िद्दी किस्म के होते हैं सामने वाले को कमजोर समझ जुट जाते हैं दाव पेंच मैं। पर यह नहीं जानते बूढी बड़ी बलवान। 

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