कैलाश बनने के लिए चार अहर्ताएं हैं
एक तो कैलाश बहुत ऊँचा है
दूसरा कैलाश बहुत गहरा है .
तीसरा कैलाश बहुत उज्जवल है.
चोथा कैलाश बहुत शीतल है.
नॉ दुर्गा का महत्व -
नॉ का पहाडा देखें , हर तरफ से नॉ है
९, १+८=९'
२+७=९ =27
३+६=९ =36
४+५=९=४५
५+४=९=५४
६+३=९=६३
७+२=९=७२
८+१=९=८१
९+०=९= ९०
९+०=९
मेरा नाती नॉ की टेबल बहुत जल्दी लिख लेता था कारन क्रम से १२३ उपर से नीचे और नीचे से ऊपर से नीचे लिख दो पहाडा पूरा हो जायेगा . एक संख्या ऊपर के और एक संख्या नीचे की टोटल नॉ ही आयेगा .ऊपर से नीचे संख्या का जोड़ ४५ दनो की मिलकर ९० अ.९०+९० कहना यह है की ९ सर्वोपरि है घटा दो तो शून्य शून्य अर्थात ब्रह्माण्ड जहाँ से देवी की उत्पत्ति हुई है.
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