Tuesday, 14 March 2023

swapn

 जब तक बीज गल नहीं जाता तब तक वृक्ष नहीं बनता। जब मनुष्य में से मैं मिट जाता है वह इष्ट में मिल जाता है।

सूर्य की आभा से प्रकृति भी चमत्कृत हो जाती है और अपना सोना सितारों से भरा थाल उसे समर्पित कर देती है।

ईष्वर की कृपा दृष्टि जिस पर पड़ती है उसके यष को फैलने से कोई रोक नहीं सकता ।

मैं सोई थेाड़ी देर स्वप्न में सैंकड़ों वर्ष गुजर गये।

एक ही कमरे में दस व्यक्ति सो रहे होंगे ,सबके स्वाप्न अलग अलग होंगे ।


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