Thursday, 23 June 2022

maa sharde

 माॅं तुम ज्ञान देने वाली हो

जब चारों ओर संषय होने लगता है

तब हम कहाॅं जाएॅं 

तुम्हारी छवि का घ्यान ही हमारी 

अज्ञानता को दूर कर देता है 

ष्षारदे हम एक दीप जलाते हैं 

और बस इतना जानते हैं 

कई लयबद्ध सितार बज रहे हैं 

तो वह भी आपकी उपासना कर रहे हैं 


Monday, 20 June 2022

kirch kirch baten

 तू है तेरे आस्तित्व के लिये दुनिया से लड़ा था मैं 

दुःख आया तो तू कहाॅं है तू कहीं नहीं है अड़ा था मैं 


जर्रे जर्रे में तू है तो बता ए ईष्वर

नन्हीं बच्ची को कुचलने वाले में नहीं था क्या तू ?


दरख्त पर बैठी चिड़िया को बाज लेकर उड़ गया

कुछ देर पहले चिड़िया ने भी कीड़े का घर उजाड़ा था।


लोग तो धरती से आसमान में उठ झूम उठते हैं 

पर यह चांदनी देखो  आसमान से धरती पर आकर खुष है ।


झूम झूम कर नृत्य कर गीत गा रहा था भगवान् तेरे

नीचे गड्ढ़ा आ गया तो मुॅह से गाली निकली।


भूखे पेट में अग्नि इस कदर घधकती है कि

कड़कड़ाते जाड़े में भी आसमान की चादर ओढ़ कर सो जाते हैं

डा॰ ष्षषि गोयल