मंहगाई डायन खाये जात है और केदारनाथ धाम में पट खुलने वाले दिन पांच लाख यात्री पहुंच गये । रहने की किराया होटल में बीस हजार रु रोज में भी उपलब्ध नहीं था ।
होटल की थाली पहुंच से बाहर ,प्रतिदिन एक नये होटल का उद्घाटन,मघ्यम वर्ग के होटलों वेटिंग, बीस पच्चीस मिनट इंतजार,
दोसौ रु का परांठा निम्न मध्य वर्ग का पूरा परिवार अपनी पसंद का परांठा मंगा रहा ।
जोमेटो आदि कंपनिया नई ऊंचाइयों पर। घर घर पहुंचा रहे पिज्जा आदि ।
जिस बस्ती से घर घर निकलती है सुबह बच्चों का खाना बनाकर,चैका बर्तन ,सफाई करने महिलाऐं उन हर घर में फ्रिज कूलर किसी किसी घर में एसी भी ।
पैट्रोल मंहगा चैराहों पर एक बार में बत्ती पार करना मुश्किल गाड़ियों की लंबी कतार, घर का हर सदस्य अकेला अपनी कार से एक ही आॅफिस पहुंचते हैं। बड़ी बड़ी गाड़ियों की बिक्री बढ़ी।
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