यादें गुल्लक की तरह हैं जब उन्हें खोल कर गिनने बैठ जाते हैं बजा बजा कर खनखनाते हैं बचपन को पल याद करते हैं बीता कल से हमेशा अच्छा होता है दुःखों से निकल कर बहुत सुख मय जीवन जी रहा होगा उसके बचपन मैं भी कुछ पल अवश्य अच्छे होंगे जिन्हे याद करता पलटता रहता है
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