Saturday 18 May 2013

ऱात  दिन आन्दोलन  प्रदर्शन कैंडल मार्च ,आधी  दुनिया सड़क पर लेकिन कोई असर नहीं  वरन मामले बढ़ रहे हैं रेप  गैंग रेप  बालिकाओं  से रेप  के मामले  और भी प्रकाश मैं आ रहे हैं  क्या कारण है  क्या अपराधी इतने बैखोफ हैं  की उन्हें मालुम है सरकार इतनी ढीली है कानून कुछ नहीं बिगड़ पायेगा  कुछ दिन मैं मामला ठंडा  पड़ जायेगा  जो अपराधी हैं उन्हें क्लीन चिट  मिलनी ही है  किसी न किसी रसूखदार की औलाद ही ऐसे  काम करती  कोई न कोई रिश्तेदार ऊँची गद्दी पर बैठा होगा  फिर क्या डर जब सैयां भये कोतवाल फिर डर काहे का .यदि पकड़ा गया अपराधी जनता के हवाले कर दिया जाये  और जनता को उससे निबटने दिया जाये तो खौफ पैदा होगा  लेकिन लड़की या महिला की कोई कीमत नहीं हैं उसके साथ कैसा भी सलूक  हो  हल्केपन से लिया जाता है  लड़कियों को इतने प्यार से शायद इन हरामियों के लिए जन्म दिया जाता है  एक बार इन लुचों से पुछा जाये क्या अपनी बहन बेटी को  इसे वहशियों के सामने फेंक  सकते हैं  उससे ज्यादा वो कसूरवार हैं जो उन्हें बचाने के लिए मानवता की बात करने लगते है तब बस उससे गलती ही होती है  वैसे तो तो जो यह काम करता है जनता है की पकडे गए तो हाल  छूट जायेंगे और दबंग का लेबल और लग जायेगा तो भविष्य  और भी खुला हो जायेगा  कोई फिर दबंग के खिलाफ शिकायत करने की हिम्मत नहीं करेगा  ऊपर से शिकायत करने वाले को पुलिस अधिक परेशान  करती  है  मानवता के संकुचन का कारण पीड़ित की प्रताड़ना है  जानते हुए भी की कौन अपराधी है  मुह  सिल जाते हैं  क्योकि यह जानते हैं की एक भी शब्द  मुंह  से निकल  की फंसेहर तरफ से घेराबंदी  ऊपर से कोर्ट कचहरी के चक्कर काम प्रभावित होता है दबंगों की पहुँच की वजह से नौकरी से और जान से भी हाथ धोना  पड़  जाता है इसलिए मानवता अपने आप भारतीय संस्कृति को छोड़ कर  किसी गुफा मैं तपस्या हेतु चली जा रही  है  

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