Saturday 29 December 2012

ek beti ka ant

माँ  चिड़िया ने   धूप  ताप से बचा  आसमान ढका  था पंखों  से
पाला  था  नन्ही  चिड़िया  को दुलारा था  नन्ही  चिड़िया  को
कोमल  पंखों  मैं छिपाया था  नन्ही चिड़िया को
बासंती  हवा  से जूमती डालों  को  जुला बनाया  नन्ही चिड़िया ने
छोटा सा आसमान  चाह था  नन्ही चिड़िया ने
अपने छोटे  पंखों को  फैलाया  था नन्ही चिड़िया ने
बाज  की उसपर नजर  पड़  गई
शिकारी  पंजों  मैं  नन्ही जान  जकड़  गई
 नुचे खुचे पंख  धरती पर  छितरा गए
ची ची  चीत्कारती माँ  चिड़िया पथरा  गई
का हे को जन्मी काहे  को पाली
नन्ही चिरइया  तू कहे को आली 

No comments:

Post a Comment