दिन ब दिन बढ़ते अपराध के मामले देश की कानूनी व्यवस्था की धज्जियाँ उडाता किसका मजाक उडा रहा है पुलिस बल न्यायिक व्यवस्था व् नेता ये देश को घुन की तरह चाट रहे हैं नेताओं को अपनी सुरक्षा की इतनी चिंता है की उन्हे कोई मार न दे क्योंकि उनकी सुरक्षा का पैसा जनता अपनी जेब से दे रही है बीस बीस गाड़ियों के काफिले संग क्यों चलते हैं पेट्रोल का पैसा जनता क्यों दे अपनी चिंता है तो अपने पैसे से गार्ड रखो। जिसदिन नेताओं की सुविधाएँ मिलना ख़त्म हो जायेगा नेता चलनी मैं छन जायेंगे क्योंिक नेता बनते ही साधारण जनता का ादमिहजरों स्वामी होकर खास हो जाता है ईएसआई दुनिया मैं कोई जादू की छड़ी नहीं हैं की प्रतिदिन करोड़ों कम ले मैं कॉर्पोरेट घरानों की बात नहीं कर रही हूँ नेता या नेता का रिश्तेदार होते ही कहाँ से पैसा आ जाता है की टूटे फूटे झोपड़े महल बन जाते हैं और बड़ी बड़ी इंडस्ट्री ख डी हो जाती है जिन कागजों को पूरा करवाने के लिए जनता के जूते घिस जाते है जिनके लिए आम आदमी रुपया भर थैला लेकर एड़िया रगड़ ले पर सरकारी महकमों से अनुमति मिलना ही उसको खली कर देगा नेता और उसके बच्चे मूंछो पर ताव देते हैं की है कोई आदमी की औलाद जो उनके बाल भी हिल सके
Monday, 30 May 2016
Wednesday, 18 May 2016
nari
बस मैं बलात्कार कांड मैं सांसद मैं महिलाओं का क्रोध धधक रहा था लेकिन पुरुष वर्ग निस्तेज बैठा था जैसे ऐसी क्या खास बात हो गई यह तो रोज की बात है औरते तो बस रोना रोती हैं निकली कही को किसने कहा था सिनेमा जाये घर मैं बैठे खाये पिएं और मौज मारे घर से निकल कर आजादी की साँस लेना है पटक दी बढ़िया करके चैन आगया फालतू मैं हल्ला गुल्ला १४ होय दो पढ़ने पढ़ने की जरूरत क्या है कौन रोटी थोपवे मैं पढाई चाहिए वो ही काम ठीक है अब १४ साल की छोकरी को अगर पढ़ा लिखा आदमी चाहिए तो उसकी उम्र २६ -२७ तो होगी तो क्या बात है आदमी की न जात न उम्रन रंग रूप चाहिए देखा जाये तो बस आदमी होना चाहिए देश के कर्ण धारों के चेहरे पर एस सकूं था कि बिल्ली मार् दी हो लोंडे लपाडे हैं जरा ऐश कर्ली ऐसा शोर मच रहे हैं की न जाने क्या प्रलय आ गई हो अरे बहन बेटी तो सबके घर मैं हैं पर पहले वो एक तजा गोश्त काहे की बहन कएय की बेटी जब अपनी बहन बीबी को भेजते हैं तो दस आगे सुरक्षा गार्ड दस पीछे रहते हैं आखिर हम देश के रखवाले हैं तुम्हारा बस चले तो तुम रख लो बीस गार्ड
nari
बस मैं बलात्कार कांड मैं सांसद मैं महिलाओं का क्रोध धधक रहा था लेकिन पुरुष वर्ग निस्तेज बैठा था जैसे ऐसी क्या खास बात हो गई यह तो रोज की बात है औरते तो बस रोना रोती हैं निकली कही को किसने कहा था सिनेमा जाये घर मैं बैठे खाये पिएं और मौज मारे घर से निकल कर आजादी की साँस लेना है पटक दी बढ़िया करके चैन आगया फालतू मैं हल्ला गुल्ला १४ होय दो पढ़ने पढ़ने की जरूरत क्या है कौन रोटी थोपवे मैं पढाई चाहिए वो ही काम ठीक है अब १४ साल की छोकरी को अगर पढ़ा लिखा आदमी चाहिए तो उसकी उम्र २६ -२७ तो होगी तो क्या बात है आदमी की न जात न उम्रन रंग रूप चाहिए देखा जाये तो बस आदमी होना चाहिए देश के कर्ण धारों के चेहरे पर एस सकूं था कि बिल्ली मार् दी हो लोंडे लपाडे हैं जरा ऐश कर्ली ऐसा शोर मच रहे हैं की न जाने क्या प्रलय आ गई हो अरे बहन बेटी तो सबके घर मैं हैं पर पहले वो एक तजा गोश्त काहे की बहन कएय की बेटी जब अपनी बहन बीबी को भेजते हैं तो दस आगे सुरक्षा गार्ड दस पीछे रहते हैं आखिर हम देश के रखवाले हैं तुम्हारा बस चले तो तुम रख लो बीस गार्ड
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