Tuesday, 26 April 2016

Alag alag khaney ke dhang

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Wednesday, 13 April 2016

paryavaran

हम प्राचीन काल से ही पर्यावरण सुरक्षा का कितना ख्याल रखते हैं की हर समय हरा ही हरा सोचते हैं तभी तो  हरे  राम हरे राम राम राम  हरे हरे  हरे कृष्णा हरे  कृष्ण  कृष्ण कृष्ण  हरे हरे  जपते रहते हैं 

beti bachao

नए नए शिगूफे छोड़कर एक तरफ खड़े हो जाना  नेताओं की आदत मैं आ गया है  अगर कुछ भी न मिले तो कोई बकवास कर दो मीडिआ को भी कुछ चाहिए चर्चा के लिए बहस चालू हो जाएगी
किसी भी प्रकार की कोई योजना बनाने से और  

Tuesday, 12 April 2016

suraksha kissey

बड़ी बड़ी बहसे  चलती हैं  .अखबारों मैं स्त्री सुरक्षा पर सवाल उठाये जाते हैं सैल  खुलती हैं सेनाएं बनती हैं  आयोग बनते हैं और नेता संत प्रवचन देते हैं कि  महिलाओं को यह करना चाहिए वह करना चाहिए उन्हे  रात मैं नहीं निकलना चाहिए उन्हे घर से निकलना ही नहीं चाहिए  तो कोई बुरका पहना रहा है  लेकिन  दिन भर महिलाएं शिकार होती छोटी बच्चियां  ,परन्तु महिलओं को सुरक्षा किससे  चाहिए जबाव चाहिए की  महिलाओं को सुरक्षा किस से  चाहिए बड़ा बड़ा प्रश्न चिन्ह है कि  महिलाओं को सुरक्षा किससे  चाहिए   तो  जबाव भी है कि पुरुष  से तो दोषी कौन है पुरुष और सजा भुगते औरते क्यों नहीं पुरुष अपना आचरण  सभालते  आवष्यकता  उन्हे ठीक होने  की है   

Saturday, 2 April 2016

kursi

पहले कहा  जाता था  कि  कुर्सी के  ऊपर  कच्चे धागे  से तलवार  बंधी  रहती है  लेकिन टूटकर वह तलवार  अब हाथ मैं आ गई है और जिसे कुर्सी मिल गई है वह हर तरह से मजबूत हो जाता है  दो पैर के स्थान पर छ  पैर वाला हो जाता है  और हाथ मैं तलवार उसे दबंग बन देती है  और छात्रावस्था  मैं जब पहले शिक्षा ही केंद्र मैं रहती थी  अब कुर्सी पाना केंद्र हो गया है  कुर्सी के बल पर शक्ति और शक्ति के बल पर  सब कुछ आसानी से मिल जाता हे धन बल शोहरत  तब पढ़ने की क्या आवश्यकता है पढ़ने के लिये तो मेहनत करनी पड़ती है लेकिन कुर्सी के बाद तो जेब से बस नोक ही बाहर करनी पड़ती है  सब कुछ हाजिर