बसंत आ गया दिल की कली मुस्कराई'प्रिया या प्रिय को सन्देश देने को बेक़रार है 'प्रस्तुत हैं सन्देश
दिल यों ही किसी पर आता नहीं
प्यार यूं हीं किया जाता नहीं
प्यार करो तो दर्द सहने कि आदत डाल लेना
क्योंकि यह वो दर्द है भूख से जाता नहीं
मोहब्बत बिन जिंदगी वीरान होती है
अकेले हर राह सुनसान होती है
एक प्यारे से दोस्त का होना जरूरी है
क्यों कि उस् की दुआ से हर मुश्किल आसान होती है
बदन पर सितारे यूँ सिमटे हैं तुम्हारे
चाँद भी मदहोश है बहके हैं सारे नज़ारे
मुझ से बिछड़ कर खुश रहते हो
मेरी तरह तुम भी झूठे हो
इक टहनी पर चाँद टिका था
मैं समझा कि तुम बैठे हो
लम्हे लम्हे मैं बसी है तेरी यादों कि महक
आज कि रात तो खुशबू का सफ़र लगती है
है तुम्हीं से रोशन ये चाँद ये सितारे
नूर ही नूर है दामन मैं तुम्हारे
मेरे घर मैं जो रखा कदम तुमने
तो जल उठे चराग सभी और शाम हो गए सवेरे
दिल यों ही किसी पर आता नहीं
प्यार यूं हीं किया जाता नहीं
प्यार करो तो दर्द सहने कि आदत डाल लेना
क्योंकि यह वो दर्द है भूख से जाता नहीं
मोहब्बत बिन जिंदगी वीरान होती है
अकेले हर राह सुनसान होती है
एक प्यारे से दोस्त का होना जरूरी है
क्यों कि उस् की दुआ से हर मुश्किल आसान होती है
बदन पर सितारे यूँ सिमटे हैं तुम्हारे
चाँद भी मदहोश है बहके हैं सारे नज़ारे
मुझ से बिछड़ कर खुश रहते हो
मेरी तरह तुम भी झूठे हो
इक टहनी पर चाँद टिका था
मैं समझा कि तुम बैठे हो
लम्हे लम्हे मैं बसी है तेरी यादों कि महक
आज कि रात तो खुशबू का सफ़र लगती है
है तुम्हीं से रोशन ये चाँद ये सितारे
नूर ही नूर है दामन मैं तुम्हारे
मेरे घर मैं जो रखा कदम तुमने
तो जल उठे चराग सभी और शाम हो गए सवेरे