११६ करोड़ सहायता के लिए स्वीकृत फिर भी जैसे सब कुछ गवां कर भूखे प्यासे जितने आ पारहे हैं आ रहे हैं जो गए सो गए उनका कोई प्रयास भी नहीं पहले जिन्दा तो बच जाएँ .केदारनाथ यात्रा या चारो धाम यात्रा सबसे प्रमुख यात्रा और चरम समय पहले दिन उसी समय केदार नाथ मैं हजारों की भीड़ थी तो उस दिन भी होगी देश के कोने कोने से यात्री गया हुआ मोहल्ला पड़ोस सब के चेहरे अपनों को खोज रहे हैं उनकी नजर टीवी के हर चॅनल पर है जहाँ पर से किसी प्रकार की कोई खबर मिले किसी भी तस्वीर मैं उनके अपने दिख जाएँ फ़ोन पर व्यस्त हैं सरे देश की आंखे उन चैनलों पर लगी हैं इसे मैं क्या ग्यारह लोगों की टपटप पर जीत पर जशन मनाया जा सकता है कैसे कोई लाफ्टर शो पर हंस सकता है पर एक दिन के लिए भी उन चैनलों ने कुछ दुःख भी व्यक्त नहीं किया यह एक प्रदेश की आपदा नहीं थी और है क्योंकि अभी सब कुछ सामान्य नहीं हुआ है छोटे बच्चों के मन मैं सम्बेदनाये उतनी जाग्रत नहीं होती वो तो पटाखे छोड़ेंगे वह उनके मन की चीज है पर जिनके घर के सदस्य गए होंगे उनके लिए तो ये अग्नि वाण ही है
ऊपर से होती राजनीति ये मेरा घर ये तेरा घर ये तेरा दर ये मेरा दर न जाने कितने मुखोटे निकल आयेंगे .
एक कक्षा मैं टीचर जे ने बच्चों से गाय घास खा रही है तस्वीर बनवाई एक बच्चे ने खली कागज जमा कर दिया मास्टरजी ने बच्चे से पूछा '; क्यों गाय कहाँ है? बच्चा बोल घर गई ' " और घास कहाँ है ?" " वह गाय चार गई इसलिए सब खत्म इसे ही अब आपदा रहत बंद करने की बार बार बात अ रही है हो गया बस सब निकल लिए गए जो खो गए वो रास्ता भटक गए पहुँच जायेंगे यहाँ भी टीचर जी ने गणित का एक सवाल दाग दिया ७o हजार यात्री गए एक लाख दस हजार बचाए गए एक हजार मर गए सात हजार लापता हैं 7२ ६ गाँव तबाह हुए बुत से गावों का निशान भी गायब हुआ प्रति गाँव ओसत जनहानि सॊ मान लो चलो कुछ कम मान लो पचास मान लो जन संक्या नियंत्रण अभियान भी तो चलाया गया होगा अब बताना ये है ...एक बच्चा चीखा पूछने वाला आगरे का तो बताने वाला कहाँ का ? विशेषग्य आंकड़े निकलते है बनाते है वे हर हालत मैं सही होंगे इसी ढंग से पढना और समझना सीखो बच्चो जिंदगी आंकड़ों का खेल है हल ढूढो तो जाने