चंदामामा रोज सवेरे चले कहाँ तुम जाते हो
दिन मैं तुम्हे ढूढता रहता मुझे नहीं मिल पाते हो .
दिन मैं आओ चंदा मामा हम तुम दोनों खेलेंगे
कुछ तारे भी संग मैं लाना आंख मिचोली खेलेंगे
+ + + +
यह देखो यह मोटा चूहा कैसे झांक रहा है
मुन्ने की थाली को कैसे तुक तुक तक रहा है .
छोटा मुंह और लम्बी मूंछ छोटा कद और लम्बी पूँछ
अब देखो यह भूरा चूहा सरपट भाग रहा है .
* * * *
बाबूजी का जूता मेरे रहता बड़ा बड़ा है
छोटे भैया का जूता रहता अड़ा अड़ा है .
अम्मा की चप्पल तो बहार निकल निकल जाती है
मेरी ही चप्पल बस मेरे पैरों मई अति है