Friday, 20 September 2013

Akhbaron main hum

रोज रोज अख़बारों मैं छपते हैं लोग
ख़बरों की सुर्खी बनते हैं लोग
हम भी उठाएंगे समाज सेवा का बीड़ा
हरेंगे हम भी समाज की पीड़ा
पोलिथिन  हटाने का अभियान अच्छा
पर्यावरण बचाने का इंतजाम सच्चा
बाजार मैं जाके  थैले  सिलाये
दरजी के दस बारह चक्कर लगाए
अखबारों के दफ्तर तक दौड़ लगाई
अच्छा काम है खबर छाप  देना भाई
चौराहे पर खड़े होकर भाषण शुरू किया
अखबार वाले न आये घंटा भर बीत गया
लोगों की गर्दन उचकी सरक गई
मोहल्ले की एक औरत पागल हो बहक गई
जैसे तैसे एक अखबार का रिपोर्टर आया
कैमरा मैन  उसका न फिर भी साथ आया
थैले फ़ोकट मैं मिल रहे है भीड़ लग गई
 सोई थी जनता एकदम जग गई
धक्के पर धक्का खाकर किनारे खड़े थे
कुछ थैले टूटे कुछ फटे पड़े थे
न जाने कहाँ से अखबार वाले आगये
दनादन दनादन कैमरे चमका गए
दुसरे दिन अखबार मैं छोटी सी खबर आई
भरे बाजार मैं थैलों की वजह से हुई हाथापाई
फोटो तो छापी नहीं पैसे जरूर झटक गए
दूसरे दिन बाजार मैं फिर प्लास्टिक के थैले लटक गए

No comments:

Post a Comment