अस्पर्श्यता दिन व् दिन विकराल रूप लेती जा रही है .विगत दिनों अस्सी प्रतिशत झगड़े हिंसक वारदातें हत्या मारपीट उच्चवर्ग और दलित वर्ग मैं इन्ही कारणों से हुई दलित अधिकारों को जागरूक करने वाले और दलित समाज सभा ने बारह दिन का राष्ट्रिय स्टार पर विरोध सभाएं आयोजित की की वर्ण व्यवस्था से असमानता समाप्त की जाये इस विरोध से सर्कार पर दबाव बनाना और दलितों के हित मैं कानून बनाये गए कानून अभी ठीक से पारित भी नहीं हुए हैं अभी दलितों को अपना पूर्ण स्थान नहीं मिल सका है .उन्हें अपना समाज मैं स्थान बनाने के लिए शिक्षा के लिए अधिक ध्यान देना होगा बच्चों को शिखा देना अधिक आवश्यक है जिससे की वे उच्च पदों पर पहुँच सके और समानता प्राप्त कर सकें उन्हें न्याय मिले सामान अधिकार मिले .लेकिन सामान अधिकार के लिए सामान ज्ञान आवश्यक होना चाहिए बिना पढ़े केवल दलित होने की याग्यता देश के लिए घटक है कुछ नेताओं के लिए पद मिलाना हो सकता हैं उनके घरों का विकास हो जायेगा पर देश धीरे धीरे रसातल मैं चला जायेगा
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