Tuesday, 21 June 2016

apradh kishoron ke

भीगती मसें जनता से वसूले पैसे से लग्जरी कार बड़े बड़े होटलों मैं महंगा खाना  शराब फ़ोकट का खाने वालों मैं बने हीरो बने के साथ ही दुनिया उनकी मुट्ठी मैं होती है फिर तो कहना ही क्या वो ऐसे बादशाह होते हैं जिनकी सल्तनत मैं सिर्फ मैं और मैं होता है बाकि सब कुछ कचरा उनकी रह मैं आ जाये उसे आग मैं झोंक देते हैं  इतने अधिकार आम आदमी ही उन्हें सर आँखों पर बैठा कर देते हैं कोई कायदा कोई कानून उनकी रह मैं नहीं आ पता है  खुद आम आदमी धुल बनकर पैरों से लिपट जाता है 

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