भीगती मसें जनता से वसूले पैसे से लग्जरी कार बड़े बड़े होटलों मैं महंगा खाना शराब फ़ोकट का खाने वालों मैं बने हीरो बने के साथ ही दुनिया उनकी मुट्ठी मैं होती है फिर तो कहना ही क्या वो ऐसे बादशाह होते हैं जिनकी सल्तनत मैं सिर्फ मैं और मैं होता है बाकि सब कुछ कचरा उनकी रह मैं आ जाये उसे आग मैं झोंक देते हैं इतने अधिकार आम आदमी ही उन्हें सर आँखों पर बैठा कर देते हैं कोई कायदा कोई कानून उनकी रह मैं नहीं आ पता है खुद आम आदमी धुल बनकर पैरों से लिपट जाता है
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