Saturday, 24 August 2013

swaron ki hatya

एफ ऍम रेडियो टीवी कंप्यूटर की दुनिया  के साथ तरह तरह  के गजेट  की दुनिया मैं पुराने गाने और  कहीं खो गए हैं  सगीत की मधुर धुन अब कभी कभी सुनने को मिलाती है  पुराने गाने पुराने रिकॉर्ड  पुरानी   पीढ़ी ही सुनना पसंद कराती है  उनके लिए नए गाने कान फोड़ो संगीत है  पुराने गानों को रीमिक्स करके उनमें भी  तेज  आवाज के वाद्यों की धुन भर दी गई है  सस्ते  कैसेट बनाने  के चक्कर मैं  नए गायक गायिकाओं से गाने गवा कर  गानों की आत्मा की हत्या कर दी गई है  अधिकतर आज भी मैं टेप लगा कर  या सीडी लगा कर पुराने गाने सुनना पसंद करती हूँ    पुराने  टेप ख़राब होने के बाद  नई  सीडी आकार उनके गाने वाले बदलते गए हर जगह  नकली कैसेट ही मिलते हैं  एक दिन लता मंगेशकर और रफ़ी के गए असली गानों की कसेट  मिल गई  एक एक कर असली और नकली दोनों गानों को बजा बजा कर  देखा  नकली गानों मैं जैसे गाने की आत्मा ही मर गई हो  वास्तव मैं हम ने संगीत की ही नहीं  गायक गायिकाओं की भी हत्या कर दी है  जिस समय  लता द्वारा गया गया असली ज्योति कलश छलके  सुना तो लगा  सैंकड़ों  दीप जल गए हैं  लम्बी साधना कर साढ़े हुए  स्वरों की  तुलना  फटे हुए केवल गाना गाना है इसे गायक गायिका गलती हो गई उन्हें गायक गायिका नहीं कहा जा सकता  उनसे की जा सकती है यह तो एस ही है  घर के मालिक को मार कर चोर  खुद मालिक बन जाये। मुकेश के एल सहगल के गानों को सुनते हैं  तो उनमे गाने की आत्मा झलकती है  नए गायक उनका मुकाबला कैसे कर सकते हैं  कैसे लता की मधुरता आशा की मस्ती रफ़ी की गहराई  और मकेश की खनक आ  सकती है  सस्ते के चक्कर मैं हमने गानों को सस्ता बना दिया है  नवीनता लेन के लिए उनमे धाड धाड करती बीट्स अन्गीत से दूर कर एक शोर मैं  तब्दील कर दिया है  

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