Friday, 22 July 2016

महिमा मंडित नारी या शोषण की राह

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2 comments:

  1. अपनी पोस्ट यूनिकोड फाण्ट में लगाया कीजिए ।
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    नारी धरती की तरह सहनशील है माॅ है, उसमें वेदना है संवेदना है ममतामयी है ,उसमें क्षमा है यानि सारी दुनिया में जितनी अच्छाइयाॅ है संस्कार है वह नारी के लिये है सब कुछ सहकर मौन है तो वह देवी है यदि आॅंख उठाती है तो दुष्टा है यानि दमन की नीति हर जगह है।
    सदियों से धर्म ग्रन्थों में पुराणों मे नारी के इसी महिमामडित रूप का वर्णन है उसमें विश्वास दिलाया जाता है कि स्त्री की महानता और उसकी शक्ति मौन रहने में ही है इसके लिये बार बार अहिल्या ,सीता ,राधा, कुंती, द्रौपदी का उदाहरण दिया जाता है। इससे हम नारी शक्ति का दम्भ नही करेंगे । अब इससे ऊपर उठने के लिये इन उदाहरणों को बंद करना होगा
    इसे औरत की नियति नहीं मानकर उस हश्र से प्रतिकार मानना होगा। निरपराध होते हुए भी पत्थर हो जाना, निर्दोष होते हुए भी परित्यक्ता जिन्दगी बितना महज पुरूषों के अहं की तृष्टि हेतु दोयम दर्ज की जिन्दगी बिताना है। साल बदल गये सदियाॅं बदल गई पर अगर अभी नहीं बदली है तो आधी दुनियाॅ की तकदीर। कहने के लिये औरतों को कानूनन बराबर का दर्जा संविधान के अंतर्गत दिया गया है। नारी अब भी पीड़ित है कानून बनते हैं अच्छाई के लिये नारी के उत्थान के लिये लकिन स्वरूप बिगडकर हास्यास्पद हो जाते हैं। नारी को अधिकार चाहिये किसलिये अरे सत्ता तंत्र में आधे पुरूष बैठें और आधी महिलाऐं बैठंे। बैठो, खूब बैठो मना किसने किया है पर अक्ल भी तो हो। अरे! ये औरतंे तो चूल्हा फूंकने के अलावा कुछ कर ही नहीं सकती। दो चार ने तीर क्या मार लिये अपने को सबसे ऊपर समझने लगीं। इस प्रकार के वाक्य आम सुनने को मिल जायेंगे। नारी की इस व्यथा को चंद शब्दों में किसी ने व्यक्त किया है।
    नारी एक तपती दोपहर है, नारियो की जिन्दगी
    एक पथरीला डगर है नारियों की जिन्दगी
    चाहे हो अग्नि परीक्षा चाहे चैसर की बिसात
    हर सदी में दाॅव पर लगती रही नारियों की जिन्दगी।

    लेकिन अब नारी को अपने सम्मान को दाॅव पर नही लगने देना चाहिये। एक अलग आत्मविश्वास लेकर मार्ग को सहज सुगम बनाना चाहिये।

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (24-07-2016) को "मौन हो जाता है अत्यंत आवश्यक" (चर्चा अंक-2413) पर भी होगी।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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